दिल्ली के Government School को लेकर RTI का बड़ा खुलासा, दो-तिहाई स्कूलों में नहीं होती साइंस के विषयों की पढ़ाई

दिल्ली के Government School को लेकर RTI का बड़ा खुलासा, दो-तिहाई स्कूलों में नहीं होती साइंस के विषयों की पढ़ाई
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के दावों का खुलासा करते हुए एक जानकारी सामने आई है। यह खुलासा के आरटीआई (RTI) की रिपोर्ट ने किया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के दावों का खुलासा करते हुए एक जानकारी सामने आई है। यह खुलासा के आरटीआई (RTI) की रिपोर्ट ने किया है। रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी दिल्ली में केवल एक तिहाई सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान विषय की पढ़ाई होती हैं। शिक्षा विभाग ने यह जानकारी सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत दायर आवेदन के जवाब में दी है।

रिपोर्ट के अनुसार मध्य दिल्ली जिले के स्कूलों की स्थिति सबसे खराब है, यहां 31 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से केवल चार में विज्ञान पढ़ाई जारी हैं और 10 स्कूलों में वाणिज्य विषय पढ़ाए जाते हैं। शिक्षा विभाग (Education Department) से आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी गई थी कि दिल्ली सरकार (Government of Delhi) के अधीन 11वीं और 12वीं कक्षा में कितने स्कूल विज्ञान और वाणिज्य विषय पढ़ाते हैं और सरकार ने फरवरी 2015 से मई 2022 के बीच कितने नए स्कूल खोले हैं।

जवाब में कहा कि आप सरकार ने फरवरी 2015 से मई 2022 के बीच कुल 63 नए स्कूल खोले हैं। आरटीआई आवेदन पर 326 स्कूलों की जानकारी उपलब्ध कराई गई है, जबकि अन्य स्कूलों की जानकारी शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट से जुटाई गई है। कुल 838 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में डेटा उपलब्ध हुए है, जिनमें से सिर्फ 279 स्कूलों में विज्ञान और 674 विद्यालयों में वाणिज्य के विषयों की पढ़ाई होती है।

यानी राष्ट्रीय राजधानी के लगभग 66 फीसदी सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान, जबकि तकरीबन 19 प्रतिशत विद्यालयों में वाणिज्य के विषयों की पढ़ाई नहीं होती है। दिल्ली सरकार के तहत आने वाले स्कूलों की कुल संख्या 1047 है, जिनमें माध्यमिक और मिडिल स्कूल भी शामिल हैं। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, "किसी स्कूल में 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान के विषयों की पढ़ाई शुरू कराने के लिए विद्यालय में बुनियादी ढांचा और बच्चों की रूचि की जरूरत होती है।"

उन्होंने कहा, "विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को बैठाने के लिए कमरों की जरूरत होती है। इसके अलावा, भौतिकी, रसायन शास्त्र और जीव विज्ञान जैसे विषयों की प्रयोगशालाएं भी होनी चाहिए।"अधिकारी के मुताबिक, "अगर विज्ञान से जुड़े विषय लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या इतनी है कि कम से कम एक सेक्शन बन जाए तो स्कूल योजना शाखा में फाइल भेजते हैं, जिसे मंजूरी देते हुए अन्य जरूरतों को पूरा किया जाता है।

वही दिल्ली सरकार के स्कूलों में विज्ञान और वाणिज्य की पढ़ाई नहीं होने को लेकर 2017 में दिल्ली उच्च न्यायालय ( Delhi High Court) में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि विज्ञान और वाणिज्य के विषयों का आवंटन 'असमान तरीके' से किया गया है, जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है और यह क्षेत्र के छात्रों के साथ अन्याय है।

याचिका दायर करने वाले अधिवक्ताओं युसूफ नकी ने कहा, "मेरी याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ( Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार (Government Schools) को नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में सरकार ने एक हलफनामा दायर कर कहा था कि वह लगभग 50 स्कूलों में विज्ञान और वाणिज्य विषयों को पढ़ाना शुरू करने जा रही है। इसके बाद कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया था।" नकी के मुताबिक, सरकार ने तब अपने जवाब में कहा था कि 291 सरकारी स्कूलों में विज्ञान विषय पढ़ाए जाते हैं।

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