Sunday Special: जानें चांदनी चौक का इतिहास और सौंदर्यीकरण से कैसे बढ़ी खूबसूरती, देखने के लिए लोगों की लग रही भीड़

Sunday Special: जानें चांदनी चौक का इतिहास और सौंदर्यीकरण से कैसे बढ़ी खूबसूरती, देखने के लिए लोगों की लग रही भीड़
X
Sunday Special: चांदनी चौक का के भविष्य को जानने से पहले चांदनी चौक के इतिहास को भी जान लेते है। चाँदनी चौक को मुगल बादशाह शाहजहाँ की पुत्री जहांआरा द्वारा 1648 में स्थापित किया था वह बाज़ार वर्तमान में एशिया का सबसे बड़ा थोक व्यापार का केन्द्र है। इस बाजार में करीबन 1560 दुकाने है जोकि 1,520 गज में फैला हुई है।लाल किला भी चांदनी चौक के पास स्थित है जिसका निर्माण 17 वीं सदी में मुगल शासक शाहजहां द्वारा किया गया था।

Sunday Special दिल्ली में अगर आप कहीं घुमने की सोच रहे है तो राजधानी बेहद ही खूबसूरत जगह है। यहां सबसे अच्छी और पुरानी जगह चांदनी चौक है। दिल्ली की चांदनी चौक (chandni chowk) एक ऐसी जगह है जहां शॉपिंग, खाना-पीना और घूमना सब कुछ मुमकिन है। लेकिन यहां की जो सबसे बड़ी समय है वो है यहां की भीड़। ज्यादा तौर लोग ये बात जानते ही है कि चांदनी चौक में अगर एक बार घुस जाए। तो वहां से निकलना काफी मस्कत का काम है। क्योंकि चांदनी चौक में हमेशा भीड़ रहती है। चांदनी चौक को एक दिन में घूमना काफी मुश्किल था। लेकिन अब नहीं है।


दिल्ली के लोग ये बात को जानते है कि 2018 से दिल्ली के चांदनी चौक का सौंदर्यीकरण हो रहा है। लेकिन अब उसका इंतजार खत्म हो गया है। क्योंकि रविवार के मौके पर 12 सितंबर को दिल्ली के सीएम चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण का उद्घाटन करने जा रहे है। अब चांदनी चौक में क्या बदलाव हुए है उसको जानने के लिए चांदनी चौक जाना तो सबके लिए मुश्किल है। तो उन लोगों के लिए ये पोस्ट बेहद जरूरी है जो लोग चांदनी चौक में हुए बदलाव को जानना चाहते है लेकिन जा नही सकते तो इस पोस्ट को जरूर पड़े।


चांदनी चौक का इतिहास

चांदनी चौक का के भविष्य को जानने से पहले चांदनी चौक के इतिहास को भी जान लेते है। चाँदनी चौक को मुगल बादशाह शाहजहाँ की पुत्री जहांआरा द्वारा 1648 में स्थापित किया था वह बाज़ार वर्तमान में एशिया का सबसे बड़ा थोक व्यापार का केन्द्र है। इस बाजार में करीबन 1560 दुकाने है जोकि 1,520 गज में फैला हुई है।लाल किला भी चांदनी चौक के पास स्थित है जिसका निर्माण 17 वीं सदी में मुगल शासक शाहजहां द्वारा किया गया था। लाल किला के मुख्य द्वार के सामने पूर्व में स्थित इस भीड़ भाड़ भरे बाजार में सोने-चांदी के आभूषण, कलाकृतियों के लिए जामा मस्जिद, पुस्तकों के लिए नई सड़क व सूखे मेवे-मसालों के लिए शीशगंज गुरुद्वारा, टाउन हॉल, लाल मंदिर, गौरीशंकर मन्दिर एवं सुनहरी मस्जिद भी स्थित है।


चांदनी चौक बनेगा नॉन-मोटराइज जोन

भीड़ भाड़ वाला इलाक़ा चांदनी चौक अब स्वच्छ के साथ साथ प्रदुषण फ्री भी रहेगा साथ ही साथ भीड़ भाड़ से भी काफ़ी राहत मिलेगी. अब चांदनी चौक के नए रूप में मोटर गाड़ियों को सुबह 9 से रात 9 बजे तक इस इलाक़े में दाखिल होने की इजाज़त नहीं मिलेगी। अगर कोई गाड़ी इस इलाक़े में दाखिल होती है तो उसे नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भारी जुर्माने की भरपाई करनी पड़ेगी. पहली बार थोड़ी राहत देते हुए 500 का जुर्माना लगेगा वहीं दुबारा दोषी पाए जाने पर 15 हज़ार का जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है।

चांदनी चौक में नए बदलाव

अब राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक चांदनी चौक का रंग रूप बदला हुआ नज़र आएगा। चांदी चौक सुनकर भीड़ भाड़ और प्रदुषण की तस्वीरें आपकी नज़रों में आतीं होंगी लेकिन अब वो पुराने दिनों की बात हो चली है। क्यूंकि काफ़ी समय से चल रहा चांदनी चौक के पूर्णविकास का कार्य पूरा हो गया है। रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चांदनी चौक का उद्घाटन करने जा रहे है। हालांकि ये उद्घाटन अप्रैल में ही हो चुका होता लेकिन कोरोना महामारी के कारण ये हो नहीं पाया। लेकिन अब इसा इंतजार खत्म हुआ है और अब चांदनी चौक रीडवेलोप्मेन्ट प्लान के तहत इस इलाक़े का पूरा रंग रूप ही बदला नज़र आएगा।

क्या है परियोजना

आज से दो साल पहले 2018 में दिल्ली सरकार ने चांदनी चौक के पुर्नविकास का कार्य शुरू किया था. इसके तहत लगभग 13 सौ मीटर के एरिया का रीडिवेलपमेंट रोड बनकर तैयार हुआ जो के लाल किले के बिलकुल सामने जैन मंदिर से ले कर फतेहपुरी मस्जिद तक पुनर्विकास किया गया है.

लाल सड़क और फर्नीचर

चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण के लिए जो ढांचा तैयार किया गया है उसके तहत कंक्रीट की सड़क से ले कर फर्नीचर तक सब लाल रंग का होगा. ये इसलिए किया जा रहा है ताकी सड़क और सड़क पर लगे फर्नीचर का रंग लाल किले से मेल खाए. इस सबकी लागत बढ़ कर 90 करोड़ हो गई है.

फुटपाथ से मिलेगी पैदल चालकों को राहत

सड़क पर केवल पैदल और सिमित संख्या में पैदल रिक्शा को इजाज़त मिलेगी। पैदल रिक्शा के लिए बीच में लगभग 5.5 मीटर की जगह छोड़ी गई है। सड़क के दोनों तरफ ही बड़े फूटपाथ के लिए जगह छोड़ी गई है। एक तरफ ये फुटपाथ 5.5 मीटर का होगा तो दूसरी तरफ 6 मीटर का पैदल।

Tags

Next Story