सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने को लेकर यूजीसी को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षायें कराने के छह जुलाई के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को नोटिस जारी किया।
इन याचिकाओं में बिहार और असम में बाढ़ की वजह से लाखों छात्रों की परेशानियों और कई राज्यों द्वारा कोविड-19 महामारी की वजह से राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षायें रद्द करने के निर्णय सहित अनेक मुद्दे उठाये गये हैं।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की तीन सदस्यीय पीठ ने इन याचिकाओं पर केन्द्र और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से 800 जवाब मांगा है। पीठ इस मामले में अब 31 जुलाई को आगे विचार करेगी।
सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि विश्विवद्यालयों और कालेजों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर चिंतित हैं। उन्होने कहा कि देश मे 800 से ज्यादा विश्वविद्यालयों मे से 209 परीक्षाओं को पूरा कर चुके हैं। मेहता ने कहा कि करीब 390 विश्वविद्यालय इस समय परीक्षायें कराने की प्रक्रिया में हैं।
उन्होंने कहा कि छात्र ऑन लाइन, ऑफ लाइन या दोनों की मिलीजुली प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। पीठ ने कहा कि शिव सेना की युवा इकाई 'युवा सेना' सहित इन याचिकाओं पर एक जवाब दाखिल किया जाये। पीठ ने इसके साथ ही इन याचिकाओं की सुनवाई 31 जुलाई के लिये स्थगित कर दी।
निगमों को दी जाने वाली राशि की जानकारी नहीं दी जा सकती: हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार से सोमवार को कहा कि उसके राजस्व में कमी को नगर निगम कर्मियों को वेतन का भुगतान करने के लिए निगमों के पास निधि नहीं होने का कारण नहीं बताया जा सकता। पीठ ने कहा कि इसका समाधान खोजना होगा। मामले की आगे की सुनवाई के लिए 10 अगस्त की तारीख तय की। पीठ ने दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (आपराधिक) राहुल मेहरा से आगामी तिथि पर निर्देशों के साथ आने को कहा।
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