लावारिस कुत्तों को खाना खिलाने के संबंध में SC ने हाई कोर्ट के फैसले पर लगाई रोक, दी ये दलील

लावारिस कुत्तों (Unclaimed Dogs) को खाना खिलाने के दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के आदेश पर देश की सबसे बड़ी अदालत (Supreme Court) ने रोक लगा दी है। जिसमें लावारिस कुत्तों को खाद्य सामग्री देने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। हाईकोर्ट ने कहा था कि नागरिकों को लावारिस कुत्तों को खिलाने का अधिकार है।
न्यायमूर्ति विनीत शरण और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस (Justice Vineet Sharan) की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक एनजीओ की याचिका पर भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (Animal Welfare Board of India), दिल्ली सरकार (Government of Delhi) और अन्य को नोटिस जारी किया। पीठ ने कहा, "नोटिस जारी करें, इस बीच विरोधी आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी।"
शीर्ष अदालत स्वैच्छिक संगठन 'ह्यूमन फाउंडेशन फॉर पीपल एंड एनिमल्स' ( 'Human Foundation for People and Animals') की ओर से हाईकोर्ट (Delhi High Court) के 24 जून, 2021 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एनजीओ ने अपनी दलील में कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देश से लावारिस कुत्तों से खतरा बढ़ सकता है।
एनजीओ ने कहा, "मानव पर्यवेक्षण और नियंत्रण में और सभी जरूरतों के लिए अपने देखभाल करने वाले पर निर्भर होने पर, एक कुत्ते को लोगों को काटने और हमला करने से रोका जा सकता है, लेकिन लावारिस कुत्तों के साथ ऐसा नहीं है, इसलिए उन्हें समाज में, सड़कों पर और किसी भी सार्वजनिक स्थान पर खिलाने से नागरिकों को सीधा खतरा हो सकता है।"
उच्च न्यायालय ने देखा था कि लावारिस कुत्तों (Unclaimed Dogs) को भोजन का अधिकार है और नागरिकों को कुत्तों को खिलाने का अधिकार है, लेकिन इस अधिकार का प्रयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह दूसरों पर हमला न करे और किसी का कारण न बने एक प्रकार की हिंसा। समस्या पैदा न करें।
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