Terror Funding Case: कोर्ट ने यासीन मलिक को सुनाई उम्र कैद की सजा, जानें अलगाववादी नेता के गुनाहों का काला चिट्ठा

टेरर फंडिंग मामले (Terror funding case) में दोषी पाए गए कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को एनआईए कोर्ट (Patiala Court) ने बुधवार को उम्र कैद की सजा सुनाई हैं। यासीन मलिक ने मामले से जुड़े सभी आरोपों को स्वीकार किया हैं। यासीन मलिक ने कहा था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।
इसके साथ ही मलिक पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, अन्य गैरकानूनी गतिविधियों और कश्मीर में शांति भंग करने का आरोप लगाया गया था। जिसे यासीन मलिक ने खुद पर लगे सभी आरोपों और अपना गुनाह कबूल कर लिया था। यासीन मलिक फिलाहल दिल्ली तिहाड़ जेल में बंद हैं। यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (Jaamu and Kasmir Liberation Front) से जुड़ा है। जिस (JKLF) पर केंद्र सरकार ने 2019 में प्रतिबंध लगा दिया था।
घाटी में जेकेएलएफ ने बोए बीज
जेकेएलएफ (JKLF) ने घाटी में आतंकवाद (Terrorism) के बीज बोए हैं। शुरुआत में पाकिस्तान ने इस संगठन को पनाह दी थी। जब घाटी में हालात बिगड़े तो उसने हिजबुल मुजाहिदीन को आगे बढ़ा दिया। इस बीच कश्मीरी पंडितों को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। सबसे पहले, 1989 में आतंकवादियों ने भाजपा नेता टीका लाल टपलू को मार डाला। इस घटना के करीब डेढ़ महीने बाद 4 नवंबर 1989 को हरि सिंह स्ट्रीट में आतंकियों ने रिटायर्ड जज नीलकंठ गंजू (Retired Judge Neelkanth Ganju) की हत्या कर दी थी। यह हत्या आतंकवादी मकबूल भट को दी गई मौत की सजा के बदले में की गई थी, क्योंकि गंजू ने उसे एक इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में सजा सुनाई थी। हालांकि इस हत्या की प्राथमिकी में अज्ञात आतंकवादियों का जिक्र है, लेकिन कहा जात है कि इसमें यासीन मालिक और जावेद मीर नलका शामिल थे।
यास्नी मलिक ने भी एक टीवी इंटरव्यू में हत्या की बात कबूल की थी
मलिक ने एक टीवी इंटरव्यू (TV Interview) में भी हत्या की बात कबूल की थी। 8 दिसंबर 1989 को गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद का यासीन मलिक और अन्य आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। जिसके बदले में अलग-अलग जेलों में बंद पांच खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा था। इस घटना के करीब डेढ़ महीने बाद 25 जनवरी 1990 को यासीन मलिक और जेकेएलएफ (JKLF) के अन्य आतंकियों ने श्रीनगर में वायुसेना के जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें चार की मौत हो गई, जबकि 40 अन्य घायल हो गए। हाल ही में उसने अपने सारे गुनाह कबूल कर लिए हैं।
इन अलगाववादी नेताओं पर हैं आरोप तय
इससे पहले फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह अब्दुल रशीद शेख और नवल किशोर कपूर सहित कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया गया था, जिन्हें मामले में अपराधी घोषित किया गया है।
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