CM केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा का मामला गरमाया, सरकार ने खटखटाया दिल्ली HC का दरवाजा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सिंगापुर नहीं जाने का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। इस मामले ने अब राजनीतिक से कानूनी मोड़ ले लिया है। दिल्ली सरकार (Delhi Government) के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) का दरवाजा खटखटाया हैं।
गहलोत ने केजरीवाल को सिंगापुर (Singapore) जाने की अनुमति नहीं दिए जाने पर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर इस मुद्दे पर अदालत से व्यापक निर्देश देने की मांग की है। गहलोत ने अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) द्वारा अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर नहीं भेजने देना तर्कसंगत नहीं है। कैलाश गहलोत की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस तरह की अनुमति से इनकार करना पूरी तरह से निरंकुश नहीं हो सकता है, इसलिए को कोर्ट से ऐसा पद धारण करने वाले व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत और आधिकारिक दोनों तरह से यात्राओं के लिए दिशा-निर्देश मांग रहे हैं।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की अदालत ने कुछ देर सुनवाई के बाद अभिषेक सिंघवी को मामले में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर सरकार के विशेष आमंत्रण पर सिंगापुर में चल रहे वर्ल्ड सिटीज समिट में शामिल होने के लिए जाना था, मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय (Chief Minister's Office) द्वारा उपराज्यपाल के पास फाइल मंजूरी के लिए भेजी गई थी।
प्रक्रिया के अनुसार सिंगापुर यात्रा की औपचारिकताएं 20 जुलाई तक पूरी की जानी थी, लेकिन उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा 21 जुलाई को दिए गए जवाब में कहा गया कि यह शिखर सम्मेलन महापौर स्तर का है, इसलिए मुख्यमंत्री को ऐसा नहीं करना चाहिए। हालांकि उपराज्यपाल कार्यालय से फाइल वापस आने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय (Chief Minister's Office) की ओर से विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) से भी अनुमति मांगी गई थी।
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