Toolkit Case: दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में कहा- हमने मीडिया को नहीं दी दिशा रवि के बारे में जानकारी

Toolkit Case: दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में कहा- हमने मीडिया को नहीं दी दिशा रवि के बारे में जानकारी
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न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि दिशा की याचिका सार्वजनिक महत्व का एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती है, इसे ध्यान में रखते हुए 27 सितंबर को इसे बहस के लिए सूचीबद्ध किया जाए। आपको बता दें कि किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित एक टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी को दिशा रवि को गिरफ्तार किया था। हालांकि, दिशा को 23 फरवरी को अदालत से जमानत मिल गयी थी।

टूलकिट मामले (Toolkit Case) को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में आज दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने अपना पक्ष रखा। इस दौरान पुलिस ने कहा कि उसने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि (Environmental activist Disha Ravi) के खिलाफ चल रही जांच के संबंध में मीडिया (Media) को कोई जानकारी नहीं दी है। इस मामले में दिशा ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा है कि पुलिस को उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से संबंधित जानकारी मीडिया से साझा करने से रोका जाना चाहिए। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि दिशा की याचिका सार्वजनिक महत्व का एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती है, इसे ध्यान में रखते हुए 27 सितंबर को इसे बहस के लिए सूचीबद्ध किया जाए। आपको बता दें कि किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित एक टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी को दिशा रवि को गिरफ्तार किया था। हालांकि, दिशा को 23 फरवरी को अदालत से जमानत मिल गयी थी।

पुलिस ने कहा- ये आरोप झूठे और तथ्यात्मक रूप से गलत

दिल्ली पुलिस के वकील रजत नायर ने कहा कि पुलिस की ओर से मीडिया को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गयी है। पुलिस ने वकील अमित महाजन के माध्यम से दाखिल अपने जवाब में कहा कि दिशा रवि की बातचीत की जानकारी पुलिस द्वारा लीक किए जाने के आरोप पूरी तरह से झूठे और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के उपायुक्त अन्येश रॉय ने हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा कि इस मामले से जुड़ी किसी प्रकार की जानकारी अथवा दस्तावेज पुलिस ने किसी मीडिया समूह अथवा किसी व्यक्ति विशेष के साथ साझा नहीं किए हैं।

दिशा के वकील अखिल सिब्बल ने अदालत को सूचित किया कि मामले में सभी दलीलें पूरी हो चुकी हैं। सिब्बल ने कहा कि जब दिशा पुलिस की हिरासत में थीं, उसी दौरान उनकी निजी बातचीत मीडिया से साझा की गयी। दिशा ने हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में मीडिया को व्हाट्सएप पर उनकी किसी भी निजी बातचीत की सामग्री या उद्धरण प्रकाशित करने से रोकने की भी मांग की है। गौरतलब है कि केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जारी

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