Delhi: दक्षिणी दिल्ली को मिलेगी राहत, वसंत कुंज से महिपालपुर के बीच बनेगा tunnel

Vasant Kunj Mahipalpur Tunnel: दक्षिणी दिल्ली (South Delhi) से आईजीआई एयरपोर्ट (IGI Airport) या गुरुग्राम (Gurugram) जाने वालों के लिए खुश खबरी है। वसंत कुंज (Vasant Kunj) स्थित नेल्सन मंडेला मार्ग (Nelson Mandela Road) से महिपालपुर (Mahipalpur) स्थित शिव मूर्ति चौराहे तक बनने वाले सुरंग (Tunnel) को मंजूरी मिल गई है। इस सुरंग के बनने से बिना ट्रैफिक जाम में फंसे दक्षिणी दिल्ली में रहने वाले लोग एयरपोर्ट (Airport) या गुरुग्राम (Gurugram) पहुंच सकेंगे। यह सुरंग 5 किमी लंबी होगी, जिसके बनने से दिल्ली-जयपुर हाईवे (Delhi-Jaipur Highway), द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) और नेल्सन मंडेला मार्ग आपस में जुड़ जाएंगे।
वसंत कुंज-महिपालपुर टनल अगर बनकर तैयार होता है, तो केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से दिल्ली वालों को बहुत बड़ा तोहफा होगा। बता दें कि इस टनल के डिजाइन में काफी समय से कुछ तकनीकी अड़चनें आ रही थी। डिजाइन में कुछ संशोधन के बाद केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road and Transport) के बाद ने 5 किलोमीटर लंबे सुरंग के निर्माण की स्वीकृति दे दी है। वसंत कुंज स्थित नेल्सन मंडेला मार्ग से महिपालपुर के शिव मूर्ति चौराहे तक इलाके के लोगों को जाने के लिए वसंतकुंज के कई सेक्टरों से गुजरना पड़ता है। इस दौरान कई रेड सिग्नल से गुजरने पड़ते हैं और काफी ट्रैफिक भी मिलता है, जिसकी वजह से लोगों को काफी समय भी बर्बाद होता है। 6 महीने पहले सुरंग की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को मंजूरी दी गई थी, लेकिन बाद में प्रोजेक्ट से जुड़े कुछ विशेषज्ञों के सुझाव के बाद डिजाइन में कुछ बदलाव किया गया। पहली डीपीआर में इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 1545 करोड़ रुपये रखी गई थी। बदलाव के बाद इस सुरंग की कुल लागत 1938 करोड़ हो गई है।
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4 सालों के अंदर बनकर पूरा होगा यह टनल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय चाहता है कि इस प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू हो, इसलिए राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (NHAI) ने प्रोजेक्ट की स्वीकृति मिलने के बाद ही निविदा आमंत्रित कर ली है। 17 जुलाई तक निर्माण कंपनियों से निविदा मांगी गई है। मंत्रालय के शर्तों के अनुसार, 4 सालों के अंदर इस टनल प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा। इसके अलावा अगले 10 सालों तक निर्माण एजेंसी सुरंग का रख-रखाव भी करेगी।
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