ट्विन टावरों को गिराए जाने के बाद सुपरटेक के चेयरमैन RK Arora बोले- कंपनी को हुआ बड़ा नुकसान

ट्विन टावरों को गिराए जाने के बाद सुपरटेक के चेयरमैन RK Arora बोले- कंपनी को हुआ बड़ा नुकसान
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में स्थित ट्विन टावरों (Twin Towers) को आज दोपहर 2.30 बजे विस्फोट कर गिराया दिया गया है। इसके बाद ट्विन टावरों के मालिक और रियल्टी फर्म सुपरटेक लिमिटेड (Realty Firm Supertech Ltd) के चेयरमैन आरके अरोड़ा का बयान सामने आया है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में स्थित ट्विन टावरों (Twin Towers) को आज दोपहर 2.30 बजे विस्फोट कर गिराया दिया गया है। इसके बाद ट्विन टावरों के मालिक और रियल्टी फर्म सुपरटेक लिमिटेड (Realty Firm Supertech Ltd) के चेयरमैन आरके अरोड़ा का बयान सामने आया है। आरके अरोड़ा (RK Arora) ने रविवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा में अपनी ट्विन टावर बिल्डिंग को गिराए जाने से कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि इमारत के गिराए जानें से कंपनी को निर्माण की लागत और ऋण पर देय ब्याज के रूप में लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान होने की अनुमान है। अरोड़ा ने कहा, 'हमारा नुकसान करीब 500 करोड़ रुपये का हुआ है। इसमें इमारत के निर्माण और जमीन की खरीद की लागत, सभी मंजूरी के लिए नोएडा प्राधिकरण (Noida Development Authority) को भुगतान की गई फीस और बैंकों को ऋण पर ब्याज का भुगतान शामिल है।

इसके अलावा इन टावरों में फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों को भी हमें 12 फीसदी ब्याज देना पड़ा है। ये दोनों टावर नोएडा के सेक्टर 93ए में एक्सप्रेसवे पर स्थित सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट का हिस्सा थे। इन टावरों में बने 900 से ज्यादा फ्लैटों की मौजूदा बाजार कीमत के हिसाब से कीमत करीब 700 करोड़ रुपये थी। अरोड़ा ने कहा कि भले ही कोर्ट (Supreme Court) ने इन टावरों को गिराने का आदेश दिया हो, लेकिन सुपरटेक ने इनका निर्माण नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित भवन योजना के अनुसार किया था।

उन्होंने कहा कि सुपरटेक इन दोनों टावरों को विस्फोटक से गिराने के लिए एडफिस इंजीनियरिंग कंपनी को 17.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर रहा है। एडिफिस ने इसे अंजाम देने का जिम्मा दक्षिण अफ्रीकी कंपनी जेट डिमोलिशन को सौंपा था।

बता दें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्थापित मानकों का उल्लंघन कर इस 100 मीटर ऊंची आवासीय इमारत के निर्माण को गैरकानूनी बताते हुए इसे विस्फोटक का इस्तेमाल कर गिराए जाने का आदेश दिया था। इसी आदेश का पालन करते हुए रविवार दोपहर 2.30 बजे इस इमारत के दोनों टावरों को कुछ ही सेकेंड में धराशायी दिया गया है।

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