दिल्ली के कई नामी अस्पतालों ने बच्चे को नहीं किया एडमिट, बिना ऑक्सीजन के चली गई मासूम की जान

दिल्ली के कई नामी अस्पतालों ने बच्चे को नहीं किया एडमिट, बिना ऑक्सीजन के चली गई मासूम की जान
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दिल्ली की सड़कों पर 6 घंटे तक माता-पिता बच्चे के इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटते रहे। लेकिन ढाई साल के मासूम को कहीं इलाज नहीं मिला। आखिर में जब एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म हो गया तो बच्चे की एंबुलेंस में जान चली गई। राजधानी जैसी जगह पर बच्चे को इलाज न मिल पाना। कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। असहाय बच्चे के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। बड़े-बड़े नामी अस्पताल होने के बावजूद बच्चे को इलाज नहीं मिला जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।

दिल्ली में एक बार फिर से सरकारी अस्पतालों (Government Hospital) की एक डरावनी तस्वीर सामने आई है। इन अस्पतालों के डॉक्टरों पर कथित तौर पर गंभीर लापरवाही (Negligence) का आरोप लगा है। इनके द्वारा एक ढाई साल के मासूम (Two And Half Child Death) को एडमिट नहीं किए जाने पर उसकी मौत हो गई है। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने इस मामले में जांच कर रही है।

चौथी मंजिल से गिर गया था मासू्म

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में रहने वाले परिवार में एक ढाई साल का बच्चा घर की चौथी मंजिल से अचानक से गिर गया था। आनन-फानन में बच्चे के माता पिता उसे अस्पताल ले गए। जहां पर डॉक्टर्स ने बच्चे का इलाज करने के बाद एम्स ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया। ये कहकर कि उनके पास वेंटिलेटर नहीं है। माता-पिता एंबुलेंस में ढाई साल के मासूम बच्चे को लेकर पहले सफदरजंग अस्पताल लेकर गए। वहां पर डॉक्टर बच्चे के माता-पिता को इधर उधर घुमाते रहे और आखिर में बोले कि यहां पर बेड खाली नहीं है और एम्स चले जाने को कहा।

एम्स में बेड न खाली होने का दिया गया हवाला

परेशान माता-पिता बच्चे को लेकर एम्स पहुंचे वहां भी डॉक्टरों ने बेड खाली न होने का हवाला दिया और एम्स ट्रामा सेंटर भेज दिया. इसके बाद एम्स ट्रामा सेंटर में भी बच्चे को बेड नहीं मिला फिर परिजन बच्चे को लेकर आरएमएल हॉस्पिटल लेकर गए। आरएमएल में भी डॉक्टर परिवार वालों को परेशान करते रहे, दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा। इसके बाद बच्चे के माता-पिता दिल्ली के एलएनजेपी हॉस्पिटल लेकर के गए वहां पर भी आईसीयू में बेड नहीं मिला।

6 घंटों तक माता-पिता चक्कर काटते रहे

दिल्ली की सड़कों पर 6 घंटे तक माता-पिता बच्चे के इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटते रहे। लेकिन ढाई साल के मासूम को कहीं इलाज नहीं मिला। आखिर में जब एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म हो गया तो बच्चे की एंबुलेंस में जान चली गई। राजधानी जैसी जगह पर बच्चे को इलाज न मिल पाना कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। असहाय बच्चे के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। बड़े-बड़े नामी अस्पताल होने के बावजूद बच्चे को इलाज नहीं मिला जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।

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