जेल में बंद गैंगस्टरों के नाम पर मांगते थे रंगदारी, दोनों गिरफ्तार

नई दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने ऐसे दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है जोकि जेल में बंद बदमाशों के नाम पर रंगदारी मांगते थे। पकड़े गए आरोपियों के नाम आदिल (25) और मो. मोईन (26) है। पुलिस की माने तो आरोपियों ने हालही में दो कारोबारी से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। पुलिस ने आरोपियों के पास से चार मोबाइल बरामद किए हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।
क्राइम ब्रांच अधिकारी के मुताबिक गत 13 फरवरी को शाहीनबाग थाने में एक बिजनेसमैन ने पुलिस को शिकायत दी। शिकायत में उसने पुलिस को बताया कि गत छह फरवरी को उसके पास एक फोन आया। कॉलर ने खुद को तिहाड़ जेल में बंद नीरज बवानिया गैंगस्टर बताया और उसने आगे कहा कि दो दिन के भीतर 50 लाख रुपए की व्यवस्था कर ले।
गत 12 फरवरी को एक बार फिर फोन आया और रुपये न देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी। गत दो मार्च को पीड़ित के भाई के पास रंगदारी के लिए फोन आया। कॉलर ने खुद को तिहाड़ जेल में बंद हाशिम बाबा गैंगस्टर बताया। उनसे भी पचास लाख रुपयों की मांग की गई। बदमाशों के नाम पर मांगी गई रंगदारी से दोनों भाईयों के परिवार बुरी तरह डर गए थे। इसके बाद उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी।
यमुना विहार से पकड़े गए दोनों आरोपी
पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई। टीम ने टेक्निकल सर्विलांस और मुखबिरों के जरिए आरोपियों के बारे में पता लगाया। इसी बीच पुलिस को पता चला कि दोनों आरोपी यमुना विहार में है। पुलिस ने गुप्त सूचना के बाद दोनों आरोपियों को यमुना विहार से पकड़ लिया। तलाशी लेने पर पुलिस को उनके पास से चार फोन मिले जिससे रंगदारी मांगी गई थी।
पीड़ित को जानता था आरोपी आदिल
पूछताछ के दौरान आरोपी आदिल ने पुलिस को बताया कि वह पीड़ित को पहले से जानता था। आदिल का पीड़ित से कोई पुराना विवाद था जिस कारण उसने बिजनेसमैन को सबक सीखाने के लिए रंगदारी मांगी थी। इस काम में उसने मोहम्मद मोईन को भी शामिल कर लिया। वारदात के लिए उन्होंने नए सिम कार्ड खरीदे। उन्होंने अपने पर्सनल फोन नंबर का प्रयोग नहीं किया।
पीड़ित ने आदिल हो नहीं दी दिए थे पैसे
पीड़ित का जींस बनाने का काम है। पीड़ित आदिल के पास जींस वाशिंग के लिए भेजता था। वॉशिंग के दौरान कुछ जींस आदिल से खराब हो गई थी। जिस कारण पीड़ित ने उसकी पेयमेंट नहीं दी थी। इसी का बदला लेने के लिए उसने वारदात को अंजाम दिया।
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