नई शिक्षा नीति पर शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों से मांगी राय, केंद्रीय मंत्री ने कहीं ये बात

केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को ट्वीट करके जानकारी दी है कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने के लिए स्कूलों के शिक्षकों और प्राधानाध्यापकों से सुझाव मांगे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ट्वीट किया कि हम मानते हैं कि एनईपी 2020 को लागू करने में शिक्षकों की अहम भूमिका है। इसलिए हमने देशभर के सभी स्कूलों के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों से सुझाव मांगने का फैसला किया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की प्रक्रिया को किस तरह आगे बढ़ाया जाए।
देश में स्कूली और उच्च शिक्षा में व्यापक सुधार का रास्ता प्रशस्त करने के लिए सरकार ने पिछले महीने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी। इससे पहले 1986 में शिक्षा नीति बनायी गयी थी। स्कूल शिक्षा सचिव अनिता करवाल ने बताया कि शिक्षकों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने के वास्ते प्रश्नोत्तर प्रक्रिया के जरिए स्कूली शिक्षा के संबंध में एनईपी के हरेक विषय पर सुझाव मांगे जा रहे हैं।
प्रश्न इस तरह बनाए जा रहे हैं कि शिक्षक उससे अपने को जोड़ पाएं। प्रत्येक प्रश्न में एनईपी के पैराग्राफ का संदर्भ दिया गया है ताकि अपने सुझाव अपलोड करने के पहले शिक्षक उसे बेहतर तरीके से समझ सकें। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी के विशेषज्ञों की एक टीम सभी सुझावों पर गौर करेगी। सुझाव सीमित शब्दों के प्रारूप में मांगे गए हैं, लेकिन राष्ट्रीय पाठ्यक्रम प्रारूप में उपयोगी सुझाव को शामिल करने के लिए जरूरी लगने पर शिक्षक से निजी तौर पर संपर्क किया जाएगा।
मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि सरकारी स्कूलों, निजी स्कूलों या विभिन्न माध्यमिक स्कूल बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के सभी शिक्षकों को सुझाव देने के लिए कहा जाए। करवाल ने कहा कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश प्राथमिकता के आधार पर वीडियो कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं और इस प्रक्रिया के व्यापक प्रचार के लिए विभिन्न स्तरों पर शिक्षकों के वाट्सऐप ग्रुप या एससीईआरटी और डीआईईटी के जरिए संदेश भेज सकते हैं। इस संबंध में 24 से 31 अगस्त तक एक खास लिंक के जरिए सुझाव अपलोड किए जा सकते हैं।
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