उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, आईआईटी किसानों और ग्रामीण भारत की समस्याओं की ओर ध्यान दें

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, आईआईटी किसानों और ग्रामीण भारत की समस्याओं की ओर ध्यान दें
X
नायडू ने कहा कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि नई शिक्षा नीति भारत को शिक्षा के वैश्विक केंद्र के रूप में बढ़ावा देगी, उच्च स्तर की सस्ती शिक्षा उपलब्ध करवाएगी तथा विश्व गुरू की भूमिका में फिर से आने में भारत की मदद करेगी।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि आईआईटी संस्थानों को टिकाऊ प्रौद्योगिकी विकसित करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए प्रमुख अनुसंधान कार्यक्रमों की शुरुआत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईआईटी समेत अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में होने वाले अनुसंधान समाज के लिए प्रासंगिक होने चाहिए तथा इनका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से लेकर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों तक मानव जाति के समक्ष पेश आ रही विभिन्न समस्याओं के समाधान की खोज होना चाहिए।

नायडू ने कहा कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि नई शिक्षा नीति भारत को शिक्षा के वैश्विक केंद्र के रूप में बढ़ावा देगी, उच्च स्तर की सस्ती शिक्षा उपलब्ध करवाएगी तथा विश्व गुरू की भूमिका में फिर से आने में भारत की मदद करेगी।

आईआईटी दिल्ली में हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि दुनिया के श्रेष्ठ संस्थानों में भारतीय संस्थानों को तभी गिना जाएगा जब वे अपने इर्दगिर्द के समाज को प्रभावित करने लगेंगे और समाज के समक्ष पेश समस्याओं के टिकाऊ एवं उत्कृष्ट समाधान देंगे। अनुसंधान का लक्ष्य लोगों के जीवन को सुगम बनाना, विकास को गति देना और अधिक समतामूलक विश्व व्यवस्था सुनिश्चित करना होना चाहिए। उन्होंने आईआईटी संस्थानों से कहा कि वे किसानों एवं ग्रामीण भारत की समस्याओं की ओर ध्यान दें।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि संस्थान केवल कृषि उत्पादन बढ़ाने पर ही नहीं बल्कि पोष्टिक एवं प्रोटीन से भरपूर खाद्यान्न के उत्पादन पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि समाज की समस्याओं का हल खोजने संबंधी अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में और अधिक निवेश की आवश्यकता है। उन्होंने निजी क्षेत्र से इस तरह की परियोजनाओं की पहचान करने और दिल खोलकर उनमें निवेश करने का आह्वान किया।

Tags

Next Story