Video Viral: किसान आंदोलन में शामिल महिला ने मोदी सरकार पर लगाया सैंडल चोरी का आरोप, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

Video Viral: किसान आंदोलन में शामिल महिला ने मोदी सरकार पर लगाया सैंडल चोरी का आरोप, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
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Video Viral: सोशल मीडिया पर ये वीडियो तेजी से वायरल हो रही है। जबकि लोग इस वीडियो पर तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे है। अभी तक इस वीडियो को हजारों लोगों ने देख लियसा है।

केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के आंदोलन में महिलाएं भी शामिल है और अभी भी आगे बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है। ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शन कर रही है महिला का एक वीडियो वायरल हो रही है। इस वीडियो में किसान आंदोलन में शामिल महिला नेता की सैंडल गायब हो गई है। गायब सैंडल को लेकर महिला ने कहा कि मेरी सैंडल सरकार और पुलिस की साज़िश के तहत गायब हुई है। वहीं महिला ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि मेरी सैंडल वापस दिलवाए। वहीं वीडियो में मोदी सरकार के साथ दिल्ली पुलिस पर भी महिलाओं ने आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर ये वीडियो तेजी से वायरल हो रही है। जबकि लोग इस वीडियो पर तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे है। ट्वीटर पर ये वीडियो टॉप स्थान पर बरकरार है और अभी तक इस वीडियो को हजारों ने देख लिया।

आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों के विरोध में दलित प्रेरणा स्थल पर छह दिन से धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के नेता व कार्यकर्ता सोमवार को भी यहां डटे रहे। भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि नए कृषि कानून के विरोध में उनके संगठन के कार्यकर्ता छह दिन से दलित प्रेरणा स्थल पर धरने पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के लागू होने से किसान बर्बाद हो जाएगा।


गौरतलब हो कि भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के कार्यकर्ताओं ने रविवार को दिल्ली की ओर पैदल मार्च करने का प्रयास किया था लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया था। दूसरी ओर, भारतीय किसान यूनियन (भानु) द्वारा चिल्ला बॉर्डर पर चल रहा धरना-प्रदर्शन आज सातवें दिन भी जारी है।

चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने दिल्ली से नोएडा व नोएडा से दिल्ली आने-जाने वाले दोनों तरफ के मार्ग को अवरुद्ध कर रखा है। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि जब तक नए कृषि कानून केंद्र सरकार वापस नहीं लेती, किसान आयोग का गठन नहीं करती और किसानों के फसल के लिए लागू एमएसपी को कानूनी मान्यता नहीं देती तब प्रदर्शन जारी रहेगा।

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