जेवर एयरपोर्ट के पास बनेगी देश की पहली सारस सेंक्चुअरी, रामसर साइट बनाने की तैयारी

उत्तर प्रदेश(Uttar Pardesh) के ग्रेटर नोएडा(Greater Noida) के धनौरी गांव स्थित वेटलैंड(Wetland Dhanauri village) का जीर्णोउद्दार किया जाएगा। वन विभाग ने जल्द ही वेटलैंड(Wetland) व आसपास के 112 हेक्टेयर एरिया को डिवलेप करने की तैयारी कर दी है। साथ ही इस वेटलैंड को रामसर साइट घोषित किया जाएगा। इसके लिए यमुना अथॉरिटी ने वन विभाग को एनओसी दे दी है। जिसके बाद वेटलैंड को संरक्षित करने का रास्ता साफ हो गया है।
बता दें कि, सर्दी के मौसम में धनोरी वेटलैंड में बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी(Exotic birds) आते हैं। यह वेटलैंड सारस का भी प्रमुख प्रवास एरिया है। बताया गया है कि इस वेटलैंड को रामसर साइट घोषित कराने की मांग की जा रही थी। यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह(Dr. Arunveer Singh CEO Yamuna Authority) ने बताया कि वेटलैंड संरक्षण(Wetland Conservation) के लिए वन विभाग की तरफ से एनओसी मांगी गई थी। अथॉरिटी की तरफ से विभाग को दे दी गई है।
जेवर एयरपोर्ट के पास धनौरी वेटलैंड में बनेगी देश की पहली सारस सेंक्चुअरी
जेवर एयरपोर्ट(Jewar Airport) के पास धनौरी वेटलैंड स्थित हैं। यहां देश की पहली सेंक्युअरी(Sanctuary) बनाने की तैयार की जा रही है। इसके लिए यमुना अथॉरिटी ने वन विभाग को NOC सौंप दी है। वन विभाग की टीम ने अब पूरे मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही वन विभाग की टीम अधिसूचित वेटलैंड घोषित कराने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। माना जा रहा है कि यह प्रस्ताव जल्द ही स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी(State Wetland Authority) को भेज दिया जाएगा।
प्रस्ताव पास होने के बाद यह जिले का पहला अधिसूचित वेटलैंड(Notified Wetlands) भी बन जाएगा। वहीं, रामसर साइट के साथ—साथ इंटरनेशनल स्तर का यहां पक्षी विहार भी बनाया जाएगा। बता दें कि, यमुना अथॉरिटी के प्रस्ताव पर सरकार ने धनोरी वेटलैंड का एरिया 112 हेक्टेयर चिहिंनत कर दिया गया है। अब यहां कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकेगा। साथ ही गुरुवार को प्रदेश सरकार से मिलने के बाद यमुना अथॉरिटी ने वेटलैंड को डिवलेप कराने की परमिशन जारी कर दी है। Forest Officer पीके श्रीवास्तव ने बताया कि वेटलैंड को स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी से अधिसूचित कराया जाएगा।
यह देश की पहली सारस सेंक्चुअरी(Sarastork Sanctuary) बनेगी। साथ ही गौतमबुद्ध नगर में कोई अधिसूचित वेटलैंड नहीं है। इसमें 25 हेक्टेयर जमीन यमुना प्राधिकरण की होगी, जबकि करीब सात हेक्टेयर जमीन सरकारी होगी। करीब 50 हेक्टेयर जमीन किसानों की है। इस जमीन को लेने पर प्राधिकरण स्तर पर फैसला लिया जाएगा। साथ ही रामसर साइट बनाने की भी तैयारी है। रामसर साइट के लिए बेहतर पर्यावरण, पानी और वेटलैंड में बड़ी संख्या में पक्षियों का आना चाहिए।
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