दिल्ली में अब भी सुरक्षित नहीं महिलाएं, पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत बढ़ी रेप और छेड़छाड़ की घटनाएं

देश की राजधानी दिल्ली में आए दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार के मामले सामने आते रहते हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन और पुलिस की तरफ से तमाम इंतजाम करने के बाद भी ये घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं इस साल के 31 अक्टूबर तक के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में देश की राजधानी दिल्ली में छेड़छाड़ और बलात्कार (rape) के मामलों की संख्या में लगभग 20% की वृद्धि हुई है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस (delhi police) ने 2020 में 31 अक्टूबर तक बलात्कार के 1429 मामले दर्ज किए हैं, जबकि इस साल 1725 मामले दर्ज किए गये हैं।
पिछले साल 1791 की तुलना में इस साल 2157 मामलों के साथ छेड़छाड़ के मामलों में 20.43% की वृद्धि हुई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस वृद्धि को कोरोना महामारी (coronavirus) के दौरान लगे लॉकडाउन (lockdown) के खुलने के बाद ये परिणामस्वरूप देखा जा रहा है। यह संख्या पिछले वर्षों के आंकड़ों के अनुरूप है। पिछले साल जनवरी और अक्टूबर के बीच, दिल्ली में 2019 की तुलना में बलात्कार के मामलों की संख्या में 28% की गिरावट देखी गई थी।
इसी तरह, छेड़छाड़ के मामलों में 32.91% की कमी आई थी और महिला का बलात्कार करने के मामलों में 18.51% की गिरावट आई थी। पुलिस प्रमुख राकेश अस्थाना (rakesh asthana) ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से महिलाओं के खिलाफ अपराधों के जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने को कहा है। सभी जिला डीसीपी को कहा गया है कि वे बलात्कार के मामलों में सीधे तौर पर जांच की निगरानी करें और उन मामलों पर अतिरिक्त ध्यान दें। जहां पीड़ित नाबालिग हैं।
अधिकारियों ने कहा कि उन क्षेत्रों का नक्शा बनाने के लिए एक अध्ययन किया गया है। जहां महिलाओं के खिलाफ अधिक अपराध की सूचना मिली है। इसी को लेकर उपाय किए जा रहे हैं। वही नगर निगम को भी निर्देश दिया गया है कि शहर के अंधेरे क्षेत्रों में लाइट व्यवस्था की जाये। पुलिस ने कहा कि जिन कार्यालयों में महिलाएं देर रात तक काम करती हैं, उन्हें सुरक्षा के उचित उपाय करने के आदेश दिये यगे हैं। "सभी महिला पीसीआर वैन बाजार स्थानों के बाहर और अक्सर महिलाओं द्वारा स्कूलों और कॉलेजों सहित क्षेत्रों में तैनात की गई हैं।
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