विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: पर्यावरण योद्धा जो 43 सालों से हर रोज लगा रहा है पेड़

विश्व पर्यावरण दिवस विशेष: पर्यावरण योद्धा जो 43 सालों से हर रोज लगा रहा है पेड़
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आबादी बढ़ने साथ-साथ इंसानी जरूरतों के बढ़ने की वजह से जहाँ एक ओर पूरी दुनिया में पेड़ कट रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ गिने चुने लोग ऐसे हैं जो पेड़ लगाओ अभियान को ही अपने जीवन का मात्र एक उद्देश्य बना चुके हैं।
  • (लेख- बद्री नाथ)

हर साल पूरी दुनिया में पर्यावरण दिवस के दिन काफी कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इस साल पर्यावरण दिवस पर कोरोना महामारी की वजह से सोशल गतिविधियों के होने की सम्भावना काफी कम हैं लेकिन प्रेस कांफ्रेंस और ऑनलाइन वेबीनार किये जाने की सम्भावना है। हर साल ये सम्मलेन हो रहे हैं सम्मेलन का असर इस दिन के बाद बेअसर भी हो जाता है। लेकिन देश में एक ऐसा व्यक्ति है जिसने लगातार 43 वर्षों से सिर्फ और सिर्फ पेड़ लगाने का ही कार्य कर रहा है। विगत 43 वर्षों से चलाये जा रहे इनके पेड़ लगाओ कार्यक्रम की वजह से अब तक इनकी संस्था Give me Trees Trust के तत्वावधान में अब तक पूरे देश में 2 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाये जा चुके हैं। पीपल बाबा ने अबतक जो 2 करोड़ पेड़ लगाया है उनमें से सबसे ज्यादा 1 करोड़ 27 लाख पीपल के उसके बाद 40 लाख 4 हजार नीम के उसके बाद 38 लाख 30 हजार दूसरी जातियों (जामुन, शीशम, बकेन, कचनार, बबूल, जंगल, जलेबी, कनेर, सिरिस, दून, फिकस, अमलतास, अर्जुन, बेर, अनार और कई देशी प्रजातियों के पौधे शामिल हैं।

आबादी बढ़ने साथ-साथ इंसानी जरूरतों के बढ़ने की वजह से जहाँ एक ओर पूरी दुनिया में पेड़ कट रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ गिने चुने लोग ऐसे हैं जो पेड़ लगाओ अभियान को ही अपने जीवन का मात्र एक उद्देश्य बना चुके हैं। भारत के मशहूर पर्यावरणकर्मी पीपल बाबा उनमें से एक हैं। गौरतलब है कि पीपल बाबा की अगुवाई में अबतक 1 करोड़ 67 लाख पीपल के पेड़ लगाये गए हैं।

पीपल बाबा शुरुआत से लेकर अब तक
देश में 43 साल पहले एक अकेले व्यक्ति ने एक अभियान की शुरुआत की थी वो शुरुआत आज आन्दोलन में तब्दील हो चुका है। पीपल बाबा के नाम से मशहूर पर्यावरणकर्मी से समय के साथ साथ लोग जुड़ते गए और आज उनकी संस्था Give me Trees Trust कुल 14500 स्वयं सेवक जुड़ चुके हैं। पीपल बाबा ने सबसे पहले 26 जनवरी 1977 को पहला पेड़ लगाया था। उसके बाद से उन्होंने हर एक दिन पेड़ लगाने का कार्य किया।

पीपल बाबा कैसे करते हैं काम
पीपल बाबा अपने पेड़ लगाओ अभियान मुख्य तौर पर सरकारी और सार्वजनिक जमीनों पर करते हैं अगर कोई व्यक्ति पेड़ लगाने हेतू उन्हें बुलावा भेजता है तो इनकी टीम के लोग वहां पर जाकर भी पेड़ लगाते हैं। पीपल बाबा मुख्य तौर पर सेना, अर्धसैनिक बलों, सैन्य स्टेशनों, स्कूलों कालेजों, विश्वविद्यालयों के परिसरों सार्वजनिक उपक्रमों सामाजिक और धार्मिक संगठनों, आश्रमों, मंदिरों, गुरुद्वारों आदि के साथ मिलकर कार्य करते हैं। प्रशासन द्वारा मुहैया कराई गई जमीनों को जंगल बनाने में इन्हें महारत हासिल है उदहारण के तौर पर अगर बात एनसीआर की की जाए तो इन्होंने गौतमबुद्ध नगर के तत्कालीन जिलाधिकारी बीएन सिंह से 15 एकड़ जमीन ली थी आज यह जमीन हरे भरे जंगल में तब्दील हो चुकी है। पर्यावरण पर कार्य करने वाले ढेर सारे एनजीओ पीपल बाबा से अपने कार्य को पूरा करने के लिए पीपल बाबा और उनकी टीम से समय समय पर मदद लेते रहते हैं।


कोरोना योद्धाओं की तरह ही पीपल के पर्यावरण योद्धा भी कोरोना महामारी के दौर में भी निरंतर कर रहे हैं काम?
कोरोना काल में उधोग धंधों के बंद होने और मानवीय गतिविधियों के कम होने से पर्यावरण काफी साफ हुआ है लेकिन देश में लॉकडाउन लागू होने से नर्सरी उधोग पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। इंडियन नर्सरी एसोसिएशन के अध्यक्ष वाई पी सिंह के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से पुरे देश में 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। इस संदर्भ में यूरोप के देशों खासकर यूके ने लोगों को लॉकडाउन के समय में तनाव से बचाने के लिए घर-घर नर्सरियों से पौधे भेजवाए और इन्हें लगाकर पर्यवरण संवर्धन के कार्य से अपने नागरिकों को जोड़ लिया था।

Give me Trees Trust के संस्थापक मिस्टर प्रेम परिवर्तन (पीपल बाबा ) का कहना है कि कोरोना महामारी के दौर में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं इस महामारी से बचने के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है लेकिन इस समय हर एक नागरिक अगर सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते हुए अगर एक-एक पेड़ लगाये और कुछ दिनों तक देखभाल करे (कुछ दिन बाद बरसात भी शुरू हो जाएगी, इस समय पेड़ लगाया गया तो वो पेड़ आसानी से पकड लेगा ) तो आने वाले समय में भारत को स्वच्छ पर्यावरण देने के दिशा में एक बड़ी पूजी का निर्माण हो सकता है। इस सन्दर्भ में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना के समय में पीपल बाबा की टीम ने 8000 से ज्यादा पेड़ लगा दिया इनकी टीम के द्वारा सबसे ज्यादा पेड़ नॉएडा के सेक्टर 115 में 4,000 उसके बाद लखनऊ (2000) उसके बाद हरिद्वार में 1000 और नॉएडा के सेक्टर 50 में 1000 पेड़ लगाये गए।

पीपल बाबा के अनुभव से दूसरे देश के लोग कैसे हो रहे हैं लाभान्वित?
अब तक 63 देशों के छात्रों और स्वयंसेवकों ने भारत में पीपल बाबा के यहाँ प्रशिक्षण शिविरों में हिस्सा लिया है। इन प्रशिक्षण शिविरों में आने वाले छात्र और स्वयंसेवक न्यूनतम 6 सप्ताह रहकर ट्रेनिग लेते हैं और पर्यावरण विज्ञान, वानिकी, बागवानी और कृषि उन्नयन की तकनीकी सीखते हैं। इस संदर्भ में यह बात दीगर है कि यहाँ से ट्रेनिंग लेकर वापस अपने देश में इस क्षेत्र में महती भूमिका निभा रहे हैं।

हरियाली बढ़ाने के लिए पीपल बाबा के मुख्य सुझाव क्या हैं?

  1. हर नागरिक हर साल एक पेड़ जरूर लगाये। (Citizen Environment Responsibility - CER)
  2. हरियाली के लिए वन महोत्सव सप्ताह या बन महोत्सव पखवाड़ा मनाया जाय।
  3. स्वच्छ भारत में स्वच्छ पर्यावरण की हिस्सेदारी हो।
  4. राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणापत्र में पर्यावरण को जरूर जगह दें।
  5. बंजर जमीनों में पेड़ लगाकर हरियाली बढ़ाएं।
  6. रविवार की छुट्टियों का इस्तेमाल पर्यावरण पिकनिक के रूप में करें।
  7. हर जनप्रतिनिधि (विधायक, हर सांसद, नगरपालिकाध्यक्ष, सरपंच) को पेड़ लगाओ अभियान से जोड़ा जाय।
  8. हर धर्म अपने धार्मिक कार्यों को शुरू करने से पहले पेड़ लगाने का कार्य करें।
  9. स्कूल कालेज और विश्वविद्यालय पेड़ लगाने के विषय को शामिल करें और अच्छी देखभाल करने वाले बच्चों को पुरस्कृत करें।
  10. सरकार मनरेगा के माध्यम से पेड़ लगवाने का भी कार्य करे।

आगे की क्या है रणनीति?
पीपल बाबा का कहना है कि आने वाले समय में मैं और मेरी पूरी टीम अपने अनुभव और कार्य के बदौलत पुरे देश के लोगों को पेड़ लगाओ अभियान से जोड़ना चाहते हैं। 18 राज्यों के 202 जिलों तक फैले अपने अभियान को देश के सभी राज्यों तक पहचाना चाहते हैं। इनका मुख्य मकसद हरियाली क्रांति के बीज को देश के हर नागरिक तक पहुंचाकर, देश के 40% से ज्यादा भूभाग पर हरियाली लाने का लक्ष्य पूरा करना है।

  • (लेखक स्तंभकार हैं. गीव मी ट्री ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं.)

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