छात्रा का अपहरण कर यौन शोषण करने वाले अध्यापक को 10 वर्ष कारावास, जुर्माना भी लगाया, डीएलएसए पीड़िता को देगी आर्थिक सहायता

छात्रा का अपहरण कर यौन शोषण करने वाले अध्यापक को 10 वर्ष कारावास, जुर्माना भी लगाया, डीएलएसए पीड़िता को देगी आर्थिक सहायता
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अध्यापक सुरेंद्र की हरकतों से परेशान होकर उसने घटना के बारे में परिजनों तथा पुलिस को बताया। महिला थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर अध्यापक सुरेंद्र के खिलाफ यौन शोषण करने, अपहरण, धमकी देने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था।

हरिभूमि न्यूज : जींद

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. चंद्रहास की अदालत ने छात्रा का अपहरण कर यौन शोषण करने के जुर्म में अध्यापक को 10 वर्ष का कारावास तथा 40 हजार 500 रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने की सूरत में दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा डीएलएसए पीडि़ता को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी देगी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार सदर थाना इलाके के राजकीय स्कूल में पढ़ी छात्रा ने 29 जनवरी 2020 को पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वर्ष 2017 में वह आठवीं कक्षा की छात्रा थी। उस दौरान शर्मा नगर निवासी सुरेंद्र गांव के राजकीय स्कूल में अध्यापक के पद पर कार्यरत था। मार्च 2017 में अध्यापक सुरेंद्र ने छुट्टी के बाद उसे स्कूल में रोक लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बारे में किसी को बताने पर फेल करने तथा बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी गई थी। जून 2017 में अध्यापक सुरेंद्र उसे गांव ईगराह के निकट ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसी बीच अध्यापक सुरेंद्र का गांव करसिंधू सीनियर सेकेंडरी स्कूल में तबादला हो गया। बावजूद इसके अध्यापक सुरेंद्र हरकतों से बाज नहीं आया। दस जनवरी 2020 को अध्यापक सुरेंद्र ने उसका अपहरण कर लिया और सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।

घटना के बारे में किसी को बताने पर उसे भय दिखाया गया। अध्यापक सुरेंद्र की हरकतों से परेशान होकर उसने घटना के बारे में परिजनों तथा पुलिस को बताया। महिला थाना पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत पर अध्यापक सुरेंद्र के खिलाफ यौन शोषण करने, अपहरण, धमकी देने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. चंद्रहास की अदालत ने सुरेंद्र को 10 वर्ष का कारावास तथा 40 हजार 500 रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने की सूरत में सुरेंद्र को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा डीएलएसए पीडि़ता को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी देगी।

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