Haryana : एक हजार गांवों में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक नहीं लगेगा बिजली कट

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत देते हुए 60 प्रतिशत से कम लाइन लॉस वाले लगभग 1000 गांवों में दोपहर 12 बजे से सायं 4 तक बिजली कट न लगाने का निर्णय लिया है ताकि गर्मी के इस मौसम में बिजली कटों के कारण बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को परेशानी न हो। इसके अलावा, प्रदेश के लगभग 4500 गांवों में 'मेरा गांव- जगमग गांव योजना' के तहत 24 घण्टे बिजली दी जा रही है। हरियाणा के विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह (Minister Ranjit Singh) ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत के दौरान यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के कई हिस्सों से बिजली कट के शेड्यूल के संबंध में शिकायतें आ रही थी। इस मामले में हमने पुनर्विचार करते हुए तकरीबन 1000 गांवों में दोपहर 12 बजे से सायं 4 तक बिजली कट न लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि राज्य में धान की बिजाई के चलते बिजली के कट लगाने पड़ रहे हैं क्योंकि इस समय किसान को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। रणजीत सिंह ने स्पष्ट किया किया 4500 गांवों में पूरे 24 घंटे बिजली रहेगी जबकि इन लगभग 1000 गांवों में दोपहर 12 बजे से सायं 4 तक बिजली का कोई कट नहीं लगेगा। इसके अलावा, रात को सभी गांवों में बिजली रहेगी।
60 प्रतिशत से कम लाइन लॉस वाले लगभग 1000 गांवों में दोपहर12 बजे से सायं 4 तक बिजली कट न लगाने का निर्णय लिया है ताकि गर्मी के इस मौसम में बिजली कटों के कारण बच्चों, बुजुर्गों व महिलाओं को परेशानी न हो। इसके अलावा पहले ही प्रदेश के लगभग 4500 गांवों में 24 घण्टे बिजली दी जा रही है।
— Ch Ranjeet Singh (@Ch_RanjitSingh) June 26, 2020
विद्युत मंत्री ने कहा कि किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन देने की दिशा में भी बहुत तेजी से काम हो रहा है। विभाग के पास 4868 फाइव स्टार मोटर उपलब्ध थी जिनमें से 3288 ट्यूबवेल कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। शेष लगभग 1600 कनेक्शन भी जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे। इसके अलावा, 1500 के करीब मोनोब्लॉक मोटर की डिमांड भी किसानों की तरफ से आई है। सरकार ने किसानों को विकल्प दिया है कि फाइव स्टार मोटर उपलब्ध न होने पर वे विभाग द्वारा अनुमोदित मोटर बाजार से स्वयं खरीद सकते हैं और अपना जमा पैसा ब्याज समेत वापस ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि 15 जून से 15 सितम्बर तक पीक सीजन होता है और इस दौरान किसानों को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में मंदी आई हुई है लेकिन किसान आज भी 5 प्रतिशत फसल अधिक लेकर आया है। इसके अलावा, लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, इसलिए किसान को किसी भी हालत में कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
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