तालाब में मृत मिले 12 'प्रदेशी मेहमान', बर्ड फ्लू या सामान्य मौत

हरिभूमि न्यूज. जाखल
गांव टिब्बी के तालाब में 12 साइबेरियन बतखें (बार हेडेड गूज) मृत मिलने से हड़कंप मच गया है। सूचना मिलने पर पशुपालन विभाग व वन्य प्राणी विभाग की टीम ने गांव में पहुंचकर जांच की। टीम ने मृत दो बत्तखों को सील कर उनके सैंपल ले लिए, जबकि शेष 10 बत्तखों को मिट्टी में दबा दिया। विभाग द्वारा बत्तखों के नमूने जांच के लिए हिसार लैब में भेजे जाएंगे। लैब में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पक्षियों की मृत्यु का असली कारण पता लग सकेगा। हालांकि ग्रामीणों द्वारा पक्षियों की मौत का कारण बर्ड फ्लू होने की आशंका जताई है, परंतु विभागीय अधिकारियों द्वारा बर्ड फ्लू जैसी बीमारी से इंकार किया गया है।
रविवार शाम टिब्बी गांव में उस समय हड़कंप मच गया, जब ग्रामीणों ने गांव में स्थित दूषित पानी के तालाब में बत्तखों जैसे पक्षियों के शव पानी में तैरते देखे। इसके बाद तुरंत सूचना पशुपालन विभाग व वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियों को दी गई। सोमवार सुबह ही पशु पालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ. काशी राम, वन्य प्राणी विभाग की तरफ से इंस्पेक्टर जयविंद्र नागरा व पशुपालन विभाग की तरफ से वैटनरी सर्जन डॉ. राजा राम कस्वां, डॉ. सुमित कुमार टीम के साथ गांव में पहुंचे। टीम ने मृत बतखों को तालाब से बाहर निकाला। जांच टीम के सदस्यों ने बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत होने की बात से इंकार किया है। अधिकारियों की टीम को फिलहाल बर्ड फ्लू जैसे कोई लक्षण नहीं मिले हैं। बाकी लैब से रिपोर्ट आने के बाद ही सही स्थिति का पता चलेगा।
स्प्रे वाली फसल खाने से मौत का अंदेशा
वन्य प्राणी विभाग के इंस्पेक्टर जयविंदर नेहरा ने कहा कि हो सकता है कि आसपास खेतों में गेहूं की फसल पर किसी ने स्प्रे किया हो, क्योंकि ये पक्षी बतखें गेहूं खाती हैं। ऐसे में आसपास गेहूं के खेतों में भी ऐसे पक्षी पाए जा सकते हैं। इसे लेकर टीम द्वारा आसपास खेतों को भी देखा जाएगा। इसके अलावा टीम ने ग्रामीणों से भी निगरानी के लिए कहा है। टीम को यहां 12 इंडियन बतखें मृत पाई गई है, जिसमें से दो बतखों के नमूने ले लिए गए, जिन्हें जांच के लिए हिसार लैब में भेजा जाएगा। यह बतखें हिमाचल प्रदेश में पाई जाती है जो सर्दी के सीजन में यहां आ जाती हैं। प्रथम दृष्टि में बर्ड फ्लू जैसी कोई बीमारी नहीं लग रही है, बाकी रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। रिपोर्ट में जो भी कोई समस्या होगी उसका निराकरण किया जाएगा।
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