अंतरराष्ट्रीय जूडो कर्राटे मुकाबले में हरियाणा के 12 वर्षीय लवनीत ने चार देशों के खिलाड़ियों को शिकस्त देकर जीता गोल्ड

अंतरराष्ट्रीय जूडो कर्राटे मुकाबले में हरियाणा के 12 वर्षीय लवनीत ने चार देशों के खिलाड़ियों को शिकस्त देकर जीता गोल्ड
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छोटी आयु में अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में बड़ी पहचान बनाने वाले लवनीत को महिलाओं, बड़े-बुजुर्गों और युवाओं ने पलकों पर पलकों पर बैठाया। अभिनंदन स्थल पर खुली जीप में युवाओं का मोटर साइकिल सवार कारवां अगुवाई करते हुए पहुंचा।

हरिभूमि न्यूज : कलायत/कैथल

हरियाणा प्रदेश के जिला कैथल निवासी 12 वर्षीय लवनीत पातलान ने अंतर्राष्ट्रीय जूडो-कर्राटे में श्रीलंका व नेपाल के खिलाड़ियों को मात देते हुए गोल्ड मेडल झटक कर भारत देश का नाम रोशन किया है। खिलाड़ी व परिवार के लोगों ने कलायत में पत्रकार वार्ता में अंतर्राष्ट्रीय खेलों में मिली सफलता से जुड़े पहलुओं को सांझा किया। इसके उपरांत कैथल के संत रविदास पब्लिक स्कूल में सातवीं कक्षा में अध्ययनरत होनहार खिलाड़ी की बड़ी उपलब्धि में जोश भरने के लिए उनके पैतृक गांव बुढ़ाखेड़ा में पुरजोर अभिनंदन किया गया।

इस दौरान छोटी आयु में अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में बड़ी पहचान बनाने वाले लवनीत को महिलाओं, बड़े-बुजुर्गों और युवाओं ने पलकों पर पलकों पर बैठाया। अभिनंदन स्थल पर खुली जीप में युवाओं का मोटर साइकिल सवार कारवां अगुवाई करते हुए पहुंचा। इस प्रकार के अभूतपूर्व सम्मान से खिलाड़ी के पिता ज्ञान चंद, माता गीता देवी और संत रविदास पब्लिक स्कूल के कोच विक्रांत की आंखों में खुशी के आंसु छलक आए। कोच ने बताया कि उत्तर प्रदेश के आगरा में 30 व 31 दिसंबर को आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों के जूडो-कर्राटे में लवनीत ने श्री लंका व नेपाल के खिलाड़ियों को शिकस्त देकर जीत दर्ज की।

कैथल वार्ड 12 अंबेडकर नगर में रहने वाले लवनीत पालतान ने 26 दिसंबर को राजस्थान के गंगा नगर में इंटर स्टेट प्रतियोगिता में तीसरा स्थान अर्जित किया था। तम के बाद प्रकाश जरूर आता है। इसी उम्मीद को लेकर लवनीत ने चुनौती पूर्ण तौर से विजय पथ की तरफ बढ़ने की ठानी। आखिरकार कड़ी मेहनत के बल पर वह अंतर्राष्ट्रीय खेलों में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहा।

चार देशों के खिलाड़ियों पर भारी पड़ा कैथल का लवनीत

जूडो-कर्राटे गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी लवनीत पातलान ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धा में भारत, बंग्लादेश, श्री लंका, मलेशिया व नेपाल सहित पांच देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। सफलता का श्रेय युवा खिलाड़ी व परिवार के लोगों ने संत रविदास पब्लिक स्कूल कैथल प्रबंध समिति, शिक्षकों और प्रशिक्षकों को दिया। उनका कहना है कि जिस प्रकार शिक्षा के साथ-साथ खेल और दूसरी गतिविधियों में शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को तराशने में लगा है उसी का परिणाम है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लवनीत पातलान ने विजय परचम फहराया।

बुलंद इरादों से छुआ कामयाबी का मुकाम

गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी के पिता ज्ञान चंद बिजली विभाग में डीसी रेट पर एस.ए के पद पर तैनात हैं। वे वर्तमान में उप मंडल गुहला चीका के गांव महमूदपुर में सेवाएं दे रहे हैं। जबकि लवनीत की माता गीता देवी गृहणी है। इनका कहना है कि बेटे ने जो उपलब्धि हासिल की है उस पर उन्हें गर्व है। इससे साबित हो गया है कि बुलंद इरादों और लक्ष्य के प्रति समर्पण से अल्प संसाधनों में भी कामयाबी के नभ को छुआ जा सकता है।

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