अटल भूजल योजना के तहत 14 जिलों को कवर किया जाएगा

अटल भूजल योजना के तहत 14 जिलों को कवर किया जाएगा
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देश के एक बड़े हिस्से में भूजल संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय द्वारा अटल भूजल योजना तैयार की गई थी। इस योजना का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से देश में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन में सुधार करना है।

हरियाणा में अटल भूजल योजना (Atal Bhujal Yojana) के तहत कुल 14 जिलों को कवर किया जाएगा, जिनमें 36 ब्लॉक की 1669 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने यह जानकारी अटल भूजल योजना के तहत हो रहे कार्यों की समीक्षा बैठक में दी।

उन्होंने कहा कि देश के एक बड़े हिस्से में भूजल संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय द्वारा अटल भूजल योजना तैयार की गई थी। इस योजना का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से देश में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन में सुधार करना है। उन्होंने बताया कि अटल भूजल योजना का प्रमुख उद्देश्य हरियाणा में भूजल संसाधनों का हाइड्रोजियोलॉजिकल डेटा नेटवर्क तैयार करना है और यह राज्य में भूजल संसाधनों के प्रबंधन के लिए सामुदायिक संस्थानों के निर्माण को भी प्रोत्साहित करता है। इस कार्यक्रम के तहत सामुदायिक लामबंदी और जागरूकता गतिविधियों के साथ-साथ हितधारकों के क्षमता निर्माण और पहचान किए गए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में लोगों की भागीदारी को बढ़ाने पर विशेष बल दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस योजना में जिला कार्यान्वयन भागीदार (डीआईपी) एन.जी.ओ के रूप में स्टेट प्रोजेक्ट मनेजमेंट यूनिट (एस.पी.एम.यू) के साथ मिलकर योजना के विभिन्न पहलुओं पर ग्राम पंचायत की मदद करेंगे। जिसमें जल बजट और जल सुरक्षा योजनाओं (डब्ल्यूएसपी) के विकास सहित सामुदायिक लामबंदीय जल उपयोगकर्ता एसोसिएशन का गठन (डब्ल्यूयूए), आंकड़ा संग्रहण, सूचना, शिक्षा और संचार आदि गतिविधियां शामिल हैं।

इस अवसर पर सिंचाई विभाग के परियोजना निदेशक डॉ सतबीर सिंह कादियान ने बताया कि हरियाणा में अटल भूजल योजना अपने प्रारंभिक चरण में है और इसके कई सकारात्मक परिणाम सामने आने की उम्मीद है। इसमें भूजल व्यवस्था की बेहतर समझ, भूजल की कमी से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए केंद्रित एवं एकीकृत समुदाय आधारित दृष्टिकोण, संचालित एवं नई योजनाओं के अभिचरण के माध्यम से स्थायी भूजल प्रबंधन, लक्षित क्षेत्रों में सिंचाई एवं भूजल संसाधनों के संवर्धन के लिए भूजल उपयोग को कम करने के लिए कुशल जल उपयोग के तरीकों को अपनाना, भूजल संसाधनों का स्वामित्व और अटल भूजल योजना के तहत राज्य की टीम के परामर्श से भविष्य की कार्य योजना तय करना शामिल है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राज्य में भूजल व्यवस्था में क्रांति लाएगा और पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम करेगा।

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