ब्लास्ट केस : एनआईए ने लगाई रोक, राेहतक से बाहर कहीं नहीं जा सकेंगे चश्मदीद, लोकल पुलिस रोज कर रही पूछताछ

हरिभूमि न्यूज :रोहतक
आईएमटी में हुए ब्लास्ट का मामला सुलझने की बजाए उलझता ही जा रहा है। नेशनल हाइवे नम्बर दस होने की वजह से यह कहना मुश्किल है कि ब्लास्ट में किसका हाथ है। इस हाइवे से विदेशी टूरिस्ट के अलावा देशभर के लोग गुजरते हैं। इसके अलावा आईएमटी में देशभर से लोगों का आना जाना रहता है। ऐसे हालात में एनआईए ने ब्लास्ट में घायल हुए राजकुमार, उसके साथ गीतादत्त, सुभाष और नरेश और अन्य करीबियों के दूसरे शहर और विदेश जाने पर रोक लगा दी है।
जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती है वह लोकल पुलिस के संपर्क में रहेंगे और बाहर नहीं जाएंगे। एसआईटी भी चारों से रोजाना पूछताछ कर रही है। उनसे आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा एक टीम गांव खरावड़ में तैनात की गई है। गांव और आईएमटी की गतिविधियों पर पूरी नजर रखी जा रही है।
15 से 30 साल के हैं कूड़ा उठाने वाले
अब तक की जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जहां पर ब्लास्ट हुआ है वहां रात को कूड़ा उठाने वाले युवक रिक्शा लेकर आते हैं। जिनकी उम्र 15 से 30 के आसपास है। कुछ ग्रामीण आसपास के एरिया में मिली प्लास्टिक की बोतलों को हैंडपंप के पास जमा कर देते थे। जिसकी वजह से कूड़ा उउठाने वाले युवक रात को ही उन्हें उठा ले जाते थे। सुबह ग्रामीण हैंडपंप के पास जाते तो बोतलें गायब होेती थी। मामला ब्लास्ट का होने के चलते वह ऐसे युवक भी संदेह के दायरे में आ गए हैं। पुलिस अब उनसे पूछताछ की तैयारी कर रही है।
रोहतक में रह रहे 1500 लोग संंदिग्ध,
रोहतक जिला में करीबन 15 सौ लोगों की पहचान संदिग्ध है। उनकी सख्ती से वेरिफिकेश करवाने की जरूरत है। करीब दो साल पहले देश भर में लोगों की नागरिकता को लेकर चर्चा हुई थी। खुफिया रिपोर्ट में सामने आया कि रोहतक में भी संदिग्ध पहचान वाले लोग रह रहे हैं। उनके पास पहचान पत्र और अन्य कागजात नहीं हैं। वह किस राज्य से या किस देश से आए हैं, उसका ठीक से भी पता नहीं है।
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