मेडिकल काॅलेजों में स्टाफ नर्स के 307 पदों के लिए 16372 अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा, आंसर-की वेबसाइट पर अपलोड

मेडिकल काॅलेजों में स्टाफ नर्स के 307 पदों के लिए 16372 अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा, आंसर-की वेबसाइट पर अपलोड
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यह परीक्षा पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा करवाई गई। परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसके लिए 20 फ्लाइंग टीम भी बनाई गई थी।

हरिभूमि न्यूज : रोहतक

मेडिकल काॅलेजों मे स्टाफ नर्स के 307 खाली पदों के लिए 16 हजार 372 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। परीक्षा देने के लिए 22 हजार 725 आवेदन आए थे। फार्म भरने वाले 6 हजार 353 लोग परीक्षा देने ही नहीं आए। यह परीक्षा पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा करवाई गई। परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसके लिए 20 फ्लाइंग टीम भी बनाई गई थी। कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना लिखित प्रवेश परीक्षा में औचक निरीक्षण करने खुद भी करीब दो दर्जन सेंटरों पर पहुंची। बता दें कि रविवार को स्टाफ नर्सों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए परीक्षा हुई। इसके लिए शहर में अलग-अलग जगहों पर 82 सेंटर बनाए गए थे और हर केंद्र पर ऑर्ब्जवर नियुक्त किया गया था।

रात को सभी परीक्षा पत्र और आंसर-की को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया। जिसके बाद उम्मीदवारों को आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए समय दिया जाएगा और अंतिम आंसर की अपलोड करने के बाद रिजल्ट घोषित किया जाएगा। परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों को हर परीक्षा केंद्र पर दो जगह स्क्रीनिंग के बाद ही अंदर प्रवेश दिया गया। परीक्षा के दौरान सभी विद्यार्थियों का आधार से ऑनलाइन मिलान किया गया ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी होने की संभावना नहीं रहे। परीक्षा केंद्र में कुछ भी ले जाने पर प्रतिबंध था। यहां तक कि पैन भी विश्वविद्यालय द्वारा ही दिए गए थे। रविवार को परीक्षा देने के लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों से लोग आए हुए थे। सुबह 12 बजे परीक्षा हुई और 2 बजे तक चली। सुबह 11 बजे तक परीक्षा केंद्र मंे प्रवेश करवाया गया। सुबह से ही रोहतक पहुंचने वालों की भीड़ बस स्टैंड पर लगी रही।

परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न

लिखित स्क्रीनिंग परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से हुई। परीक्षा के सफल आयोजन के लिए परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंतरीक्ष व उनकी टीम बधाई की पात्र है। विश्वविद्यालय ने पूर्ण रूप से पारदर्शी परीक्षा करवाई है। परीक्षा मे कोई गड़बड़ी ना हो इसके लिए हर सेंटर पर जैमर लगवाए गए थे। -डॉ. अनिता सक्सेना, कुलपति

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