हिसार में अवैध कॉलोनियों की लंबी चौड़ी लिस्ट, वैध करने के लिए केवल 11 आवेदन, अब होगी कार्रवाई

हिसार। नगर निगम क्षेत्र के बाहर बसाई गई कॉलोनियों के प्लॉट धारकों को जरूरी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 में अधिसूचना जारी की गई थी। इसके उपरांत वर्ष 2022 में एक नीति भी निर्धारित की गई थी, जिसके तहत कॉलोनाइजर को जिलास्तरीय कमेटी के समक्ष अपना आवेदन देना था। ऐसी कॉलोनियों को नियमित करने के लिए अभी तक केवल 11 आवेदन ही जिलास्तरीय कमेटी को मिले हैं, जबकि जिला प्रशासन द्वारा निगम क्षेत्र के बाहर ऐसी 177 कॉलोनी/कलस्टर चिन्हित किए गए हैं।
अधिकारी अवैध कॉलोनियां न पनपने दें
उपायुक्त उत्तम सिंह ने बुधवार को इस मामले की समीक्षा बैठक में जिला नगर योजनाकार को सख्त हिदायत दी है कि नीति के तहत आवेदन न करने वाले कॉलोनाइजरों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, क्योंकि ऐसे कालोनाइजरों की वजह से ही प्लाट धारकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बैठक में यह भी निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जिले में अवैध कालोनियां न पनपे अन्यथा संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। उपायुक्त ने आमजन से भी अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे अवैध कॉलोनाइजरों के चंगुल में न फसें। उन्होंने जिले के सभी तहसीलदारों को अवैध कॉलोनियों को विकसित होने से रोकने के संबंध में सख्त दिशा-निर्देश जारी किए।
अवैध कालोनियों में अलॉटमेंट कार्ड के माध्यम से न खरीदें प्लाट
उपायुक्त ने कहा कि आमजन प्रॉपर्टी डीलरों के बहकावे में आकर किसी भी हाउस बिल्डिंग सोसायटी/मल्टीपरपज सोसायटी आदि के द्वारा विकसित की जा रही अवैध कालोनियों में अलॉटमेंट कार्ड के माध्यम से प्लाट न खरीदें एवं न ही निर्माण करें। उन्होंने कहा कि विभिन्न निर्माण कार्यों को लेकर सरकार द्वारा मापदंड निर्धारित किए गए हैं। शहर में किसी भी प्रकार की औद्योगिक इकाई, व्यावसायिक एवं शिक्षण संस्थान तथा मकान आदि का निर्माण करने से पूर्व विभाग के कार्यालय से संपर्क स्थापित करना चाहिए, ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
अवैध कॉलोनी में निर्माण गैर-कानूनी
डीसी ने बताया कि कार्यालय द्वारा शहर का मास्टर प्लान तैयार किया जाता है, जिसका मुख्यालय से स्वीकृति मिलने के पश्चात शहर में निर्धारित किए गए मानदंडों के अनुसार ही किसी भी प्रकार की औद्योगिक इकाई, व्यवसायिक स्थल, शिक्षण संस्थान, दुकान तथा मकान आदि का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अवैध कॉलोनी में किसी भी प्रकार का निर्माण करना गैर-कानूनी है। प्रॉपर्टी डीलर का कार्य करने वाले व्यक्ति लोगों को गुमराह करके प्लाट तथा अन्य किसी भी प्रकार का संपत्ति बेच देते हैं, जिसके कारण संबंधित व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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