पुण्य की जगह कमाया पाप : अमावस्या के दिन खीर-पूरी व अधिक अनाज खिलाने से 18 गायों की मौत, 48 की हालत गंभीर

हरिभूमि न्यूज : भिवानी/ महेंद्रगढ़
तमाम प्रयास व लोगों को जागरूक किए जाने के बाद भी लोगों ने अमावस्या के दिन गायों को खूब पकवान खिलाए। जिस कारण गुरुवार को चार गांवों में 14 गायों की मौत हो गई। वहीं खीर पूरी खाने की वजह से 48 गाय जिंदगी और मौत के बीच हैं। जिनको गंभीर हालत में गौशाला में लाया गया। जहां पशु चिकित्सक उनका इलाज कर रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक अनेक जगहों से गायों के मरने व गंभीर होने की सूचनाएं गौरक्षकों के पास पहुंच रही थी। जानकारी के अनुसार भिवानी शहर में अभी तक आठ गायों की मरने की खबर है। सूचना के बाद गौरक्षकों ने सभी मृत गायों को मिट्टी में दफनाया है। महेंद्रगढ़ में भी चार गायों की मौत हो गई।
दूसरी तरफ शहर के नजदीकी गांव नाथुवास में एक, दिनोद में एक, मानहेरू में दो तथा दो गाय गांव बामला में मरने की खबर है। हालांकि उक्त गावों में ग्रामीणों ने मृत गायों को वहीं दफनाया दिया, लेकिन शहर में जिन गायों की मरने की सूचना गौरक्षकों को मिली। वे तत्काल मौके पर पहुंचे और मृत गायों को दफनाने के लिए ले गए। समाचार लिखे जाने तक गौरक्षकों के पास गायों के गंभीर होने की सूचनाएं पहुंच रही थी। गौरक्षक संजय परमार ने बताया कि लोगों को इस बारे में जागरूक किया था, लेकिन उसके बाद भी लोगों ने अनेक गायों को ज्यादा पकवान खिला दिया, जिसकी वजह से अनेक गायों की जान चली गई।
इस कारण होती है गायों की मौत
ज्यादा पकवान खिलाने व ज्यादा भोजन दिए जाने की वजह से शहर में 48 गायों की हालत गंभीर बनी है। हालांकि सभी गंभीर गायों को गौशाला ले आए। जहां पशु चिकित्सक गायों के इलाज में जुटे हैं। चूंकि जब तक गाय के पेट का अफारा नहीं उतर जाता, तब तक उसकी हालत सही नहीं बताई जा सकती। पकवान व ज्यादा अनाज खाने से पशु के पेट में अफारा बन जाता है। जिसकी वजह से पशु को सही ढंग से सांस नहीं आता। अगर पेट के अंदर बनी गैस को नहीं निकाला जाता। तो पशु का पेट ज्यादा फुल जाता है और कुछ ही देर में पशु दम तोड़ देता है।
उल्लेखनीय है कि गौरक्षकाें के अलावा जिला प्रशासन व सामाजिक संस्थाओं ने भी लोगों को अमावस्या के दिन गायों को पकवान व ज्यादा भोजन न खिलाए जाने की गुजारिश की थी। गौरक्षकों का तर्क था कि वे गायों को पकवान खिलाने की बजाए गौशालाओं में भिजवा दे। ताकि वहां अन्य पशुओं को उचित मात्रा में अन्न खिलाया जा सके। अमावस्या के दिन लोग पुण्य कमाने के लिए गायों को पकवान व ज्यादा अन्न खिला देते हैं जो पशुओं की मौत का कारण बन जाता है।
कच्चे-पक्के भोजन से दो गायों व दो सांडों की हो मौत
महेंद्रगढ़। सर्व पितृकार्य अमावस्या पर बुधवार को कच्चे-पक्के भोजन की अधिकता के कारण नदी क्षेत्र स्थित स्थानीय मोदाश्रम के पास दो गाय और दो सांड काल के गाल में समा गए। गुरुवार सुबह उन्हें विधिवत मिट्टी में दबा दिया गया। हरियाणा गौसेवा आयोग के एससीपीएफ के सदस्य प्रमोद बेवल ने बताया कि दोहान नदी क्षेत्र में मोदाश्रम के आसपास के क्षेत्र में घुमंतू गौवंश रहता है। कनागतों में लोगों द्वारा गायों को पूरी-मांडी, चावल आदि खाद्य पदार्थ खिलाया जाता है। सर्व पितृकार्य अमावस्या पर इसकी अधिकता हो जाती है। जिससे मूक जीवों की जान पर बन आती है।
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