उड़ता पंजाब बन रहा हरियाणा : ड्रग्स और नशे की सप्लाई में 18 % बढ़ोतरी, टेंशन में खट्टर सरकार, पढ़ें यह रिपोर्ट

योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़
हरियाणा में ड्रग्स और नशे की सप्लाई में 18 फ़ीसदी बढ़ोतरी ने पुलिस अफसरों एवं हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की चिंता बढ़ा दी है। राज्य में अफीम, चरस, हीरोइन, गांजा उसमें कैप्सूल कफ सिरप जैसे नशे आम बात हो गई है। हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की रिपोर्ट पर गौर करें तो हरियाणा में राजस्थान, पंजाब, यूपी, दिल्ली से हेरोइन और गांजा, बिहार, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, दिल्ली, यूपी से पहुंचाया जाता है। राजस्थान मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश झारखंड से अफीम की सप्लाई को लेकर ब्यूरो ने चेन तोड़ने की रणनीति तैयार की है।
पड़ोसी राज्य पंजाब में बढ़ते नशे और सप्लाई को ध्यान में रखते हुए हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने हरियाणा के अंदर भी एनडीपीएस एक्ट के तहत बड़ी संख्या में मामले दर्ज कर गिरफ्तारी की है। इतना ही नहीं ब्यूरो इसकी सप्लाई चेन तोड़ने के लिए तस्करों से गहन पूछताछ की मुहिम चलाए हुए हैं। पूछताछ के दौरान ड्रग तस्करों ने खुलासा किया है कि वह हरियाणा के काफी जिलों में ड्रग की सप्लाई कर चुके हैं। यह भी बताया गया है कि यह ड्रग हिमाचल, बिहार, राजस्थान, यूपी, झारखंड, छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश उड़ीसा से लाकर हरियाणा के कई हिस्सों में सप्लाई की गई है। नारकोटिक्स ब्यूरो की पड़ताल के बाद साफ हुआ है कि हरियाणा प्रदेश के अंदर दर्जनभर राज्यों से सिंथेटिक ड्रग्स पहुंचाई जाती है, यह ड्रग हरियाणा और पंजाब में युवाओं के अंदर लगातार मौत का तांडव मचा रही हैं। इस बारे में हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से एक विशेष रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी गई है। जिसके बाद से उत्तरी रीजन में नशे को लेकर हाई अलर्ट चल रहा है।
आंकड़ों पर गौर करें तो कंट्रोल ब्यूरो अभी तक 4,683 तस्करों की गिरफ्तारी कर चुका है इसके अलावा यह भी साफ हुआ है कि इस साल नशे की गिरफ्त में आए 84 युवा अभी तक दम तोड़ चुके हैं। खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की बैठक लेकर अफसरों को इस संबंध में दिशानिर्देश भी दे चुके हैं। खास बात यह है कि नशे के सौदागरों पर शिकंजा कसने के लिए खास रणनीति तैयार की गई है इसके तहत 3 हजार टीमें गठित कर दी गई हैं। जिसमें 30 हजार अधिकारी कर्मचारी शामिल किए गए हैं। इतना ही नहीं नारकोटिक्स ब्यूरो के आला अफसरों ने प्रदेश के सामाजिक संगठनों सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों को जोड़कर नशा तस्करों की कमर तोड़ने की रणनीति तैयार की है,, अर्थात राज्य में लगभग 50 हजार सामाजिक लोग युवाओं को नशे से बचाने के लिए पुलिस को सहयोग करेंगे।
राज्य के अंदर नशा प्रयोग करने वाले युवाओं का एक ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो शहर गांव में और पड़ोस के राज्यों में लगते नशा तस्करों का ब्यौरा भी तैयार करके इनकी गर्दन तोड़ने के लिए रणनीति तैयार कर चुका है। इतना ही नहीं राज्य में नशा करने वाले युवाओं को लेकर भी सरकार की ओर से एक रिकॉर्ड बेस तैयार करने को कहा गया है नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो एक मोबाइल ऐप के जरिए भी पूरे प्रदेश का एक डाटाबेस तैयार करने में जुटा है। यह है मोबाइल ऐप कई मायनों में पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों के लिए फायदेमंद होगी।
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