बहादुरगढ़ में बढ़ गई 19 हजार प्रॉपर्टी यूनिट : परिवार पहचान पत्र से Property ID लिंक होने पर संपत्ति के असली वारिस की पहचान होगी

बहादुरगढ़ में बढ़ गई 19 हजार प्रॉपर्टी यूनिट : परिवार पहचान पत्र से Property ID लिंक होने पर संपत्ति के असली वारिस की पहचान होगी
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मकानों व प्लॉटों की रजिस्ट्रियों से लेकर आने वाले समय में सरकार की ओर से विभिन्न सुविधाएं व सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट (एनडीसी) लेना अनिवार्य किया जा रहा है। इसीलिए नगर परिषद के अंतर्गत प्रॉपर्टी के मालिकों की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स क्लियर होना जरूरी है।

गेटवे ऑफ बहादुरगढ़ के रूप में विख्यात बहादुरगढ़ में तकरीबन 19 हजार प्रॉपर्टी यूनिट बढ़ गई हैं। नगर परिषद की पहले से 63 हजार से अधिक प्रॉपर्टी यूनिट हैं, लेकिन अब नए सर्वे के बाद ये बढ़कर 82 हजार से अधिक हो गई हैं। इसके अलावा प्रॉपर्टी आईडी के साथ भी परिवार पहचान पत्र की आईडी जोड़ी जा रही हैं। दरअसल, नगर परिषद की सभी सेवाओं के लिए हरियाणा सरकार द्वारा परिवार पहचान पत्र अनिवार्य किया हुआ है। पीपीपी से प्रॉपर्टी आईडी लिंक होने पर संपत्ति के असली वारिस की पहचान भी आसानी से होगी। रिकॉर्ड होने से व्यक्ति की प्रॉपर्टी की जानकारी सरकार के पास होगी। फर्जीवाड़ा कर किसी अन्य व्यक्ति के नाम प्रॉपर्टी नहीं हो सकेगी।

बता दें कि बहादुरगढ़ में प्रॉपर्टी यूनिट 63 हजार 837 से बढ़कर 82 हजार 876 हो गई हैं। इनमें कृषि से जुड़ी 688 यूनिट बढ़कर 1464 हो गई हैं जबकि वाणिज्यिक यूनिट पहले 3155 थी और अब 4424 हो गई हैं। औद्योगिक यूनिट पहले 2019 थी और अब बढ़कर 3074 हो गई हैं। संस्थागत यूनिट भी 377 से बढ़कर 515 हो गई हैं। मिक्स यूज की यूनिट पहले 4185 थी और अब 4802 हो गई हैं। पहले 39 हजार 414 रिहायशी यूनिट थी, जो अब बढ़कर 45 हजार 988 हो गई हैं। स्पेशल कैटेगिरी की यूनिट 314 से बढ़कर 534 हो गई हैं। खाली प्लाट पहले 13 हजार 685 थे और अब 22 हजार 75 हो गए हैं।

दरअसल, मकानों व प्लॉटों की रजिस्ट्रियों से लेकर आने वाले समय में सरकार की ओर से विभिन्न सुविधाएं व सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट (एनडीसी) लेना अनिवार्य किया जा रहा है। इसीलिए नगर परिषद के अंतर्गत प्रॉपर्टी के मालिकों की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स क्लियर होना जरूरी है। प्रॉपर्टी टैक्स नप की आय का मुख्य स्त्रोत है। करीब 19 हजार प्रॉपर्टी यूनिट बढ़़ने से नगर परिषद की सालाना करोड़ों रुपए में आमदनी बढ़ जाएगी। अब तक संपत्ति कर से लगभग एक करोड़ रुपए वार्षिक की आय होती थी। लेकिन भविष्य में 6 करोड़ रुपए सालाना वसूली का लक्ष्य रखा गया है। शहर की प्रॉपर्टी पर लगाए जाने वाले टैक्स की अदायगी से परिषद का वित्तीय कोष मजबूत होता है।

नगर परिषद अधिकारियों द्वारा इसके लिए सक्षम युवाओं की टीम का गठन किया है, जो प्रॉपर्टी मालिकों को फोन करके आईडी एकत्र कर रहे हैं। जो लोग इन सक्षम युवाओं को अपनी आईडी नहीं देना चाहते या फिर उन्हें किसी तरह की शंका है, तो वे लोग नगर परिषद के हॉल में आईडी जमा करवा सकते हैं। नगर परिषद इस काम को जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है। प्रॉपर्टी आईडी से परिवार पहचान पत्र के जोड़े जाने से डेटा में पारदर्शिता आने का दावा किया जा रहा है। चूंकि रजिस्टरों में दर्ज रिकॉर्ड से भी कई बार छेड़छाड़ हो जाती है। उम्मीद जताई जा रही है पीपीपी जुड़ने से इस तरह के मामले नहीं होंगे। सभी प्रॉपर्टी मालिकों से परिवार पहचान पत्र लिया जाना है।

प्रॉपर्टी आईडी के साथ परिवार पहचान पत्र को जोड़ा जा रहा है। इसके लिए सक्षम युवाओं की सेवाएं ली जा रही हैं। शहरवासी अपनी परिवार पहचान पत्र की आईडी को प्रॉपर्टी आईडी से शीघ्र जुड़वा ले। नगर की 82 हजार 876 प्रॉपर्टी आईडी को परिवार पहचान पत्र से लिंक किया जाएगा। ऐसा होने से विभाग के पास दुरुस्त रिकॉर्ड होगा और किसी भी तरह के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। - बृजेश हुड्डा, पालिका अभियंता, नगर परिषद बहादुरगढ़

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