Water Crisis : हरियाणा के 1950 गांवों में भूजल स्तर 30 मीटर तक नीचे गिरा, अब निर्माण कार्यों में ट्रीटेड वॉटर के प्रयोग पर जोर

योगेंद्र शर्मा:चं डीगढ़
हरियाणा में भूजल को बचाने की रणनीति बनाकर आला-अधिकारियों ने उस पर अभी से अमल शुरू कर दिया है। चिंता की बात यह है कि राज्य के 7 हजार गांवों में से हरियाणा के 1950 गांव में 30 मीटर से नीचे पानी चला गया है। जिस कारण से इन दिनों में ग्रामीणों को कई प्रकार की चुनौतियां व जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में गांव में ऐसे भी हैं, जहां पर पानी 20 मीटर से नीचे पहुंच चुका है। ऐसे में भूजल के इस्तेमाल को बेहद सावधानी से इस्तेमाल करने और इसकी बचत करने को लेकर राज्य की मनोहर सरकार बड़ी गंभीरता के साथ कदम उठा रही है।
उन्होंने बताया कि बाकी बचे हुए गांवों में बड़ी संख्या में इस तरह के गांव है जहां 20 मीटर से नीचे पानी पहुंच चुका है। ऐसे में पर्यावरण के लिए काम कर रही संस्थाओं और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के साथ-साथ हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण जैसी संस्थाओं ने इस और अभी से गंभीरता से काम की शुरुआत कर दी है। ग्रामीण और शहरी इलाकों में तालाबों का जीर्णोद्धार उनकी साफ-सफाई और खुदाई का काम इसी क्रम में किया जा रहा है, ताकि भूमिगत जल का स्तर गिरने से रोका जा सके। इतना ही नहीं पीने वाले पानी का दुरुपयोग नहीं हो और ड्रेनेज वाले पानी को ट्रीटमेंट के बाद इस्तेमाल यह लायक बनाया जाए, इस पर पूरी तरह से फोकस कर लिया गया है। हरियाणा के बड़े शहरों गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और एनसीआर में आने वाले वाले एरिया के गिरते जल स्तर को लेकर खास तौर पर मुहिम चलाने की तैयारी है।
हरियाणा सरकार मेरा पानी मेरी विरासत जैसी अहम योजनाओं के जरिए जल संरक्षण पर फोकस कर रही है लेकिन बेहतर नतीजों के लिए बर्बाद होने वाले पानी को बचाने की मुहिम शुरू की जा रही है। कुल मिलाकर भूमिगत पानी के घटते जल स्तर को लेकर चिंतित पर्यावरण विशेषज्ञों ने किस तरह के मामलों में सख्ती से पेश आने का फार्मूला दिया है। इस तरह से आने वाले दिनों में पानी की बर्बादी करने वालों को सावधान रहना होगा वरना जेल की हवा खाने की नौबत आ सकती है।वहीं पानी की बर्बादी करने और बार-बार चेतावनी कारण बताओ नोटिस को हल्के में लेने वाले संस्थानों को अब यह भारी पड़ सकता है। इस प्रकार के तत्वों से सख्ती के साथ निपटने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की सूरत में इन पर पर्यावरण न्यायालय में केस चलाने वह सजा दिलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में साक्ष्य एकत्र करने को कहा गया है।
अभी नहीं चेते तो गंभीर संकट: अरोड़ा
इस क्रम में हरियाणा के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयर पर्सन केशनी आनंद अरोड़ा ने इस संबंध में आला अधिकारियों के साथ मैराथन बैठकों की शुरुआत कर दी है। पूर्व मुख्य सचिव और प्राधिकरण की चेयर पर्सन केशनी आनंद अरोड़ा ने इस संबंध में बैठकों का दौर शुरू किया हुआ है। उन्होंने इन बैठकों में साफ कर दिया कि धीरे-धीरे ग्रामीण एरिया में भी भूमि जल स्तर नीचे जा रहा है यही कारण है कि हरियाणा के 7000 गांवों में से 1950 गांव के अंदर पानी 30 मीटर से ज्यादा नीचे चला गया है इसलिए इस दिशा में अभी से गंभीरता दिखानी होगी।
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