यात्रियों को झटका : नेशनल हाईवे 152 D पर हरियाणा रोडवेज के 2 डिपो ने बंद की बस सर्विस, जानिए कारण

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
हरियाणा रोडवेज के नारनौल और अंबाला डिपो की ओर से नेशनल हाईवे 152-डी ग्रीन कॉरिडोर पर बसों में सवारियों की कमी के चलते एक-एक बस का संचालन बंद कर दिया है। अब ग्रीन कॉरिडोर से केवल नारनौल से चंडीगढ़ के लिए पांच बसों का संचालन हो रहा है। बता दें कि पिछले दिनों प्रदेश के विभिन्न डिपों की ओर से 152 डी ग्रीन कॉरिडोर से बसों का संचालन किया गया था। नारनौल से पांच डिपो की सात बसें ग्रीन कॉरिडोर से होकर चंडीगढ़ जा रही थी। इसमें तीन बस नारनौल डिपो, एक बस चंडीगढ़, एक बस अंबाला, एक बस दादरी व एक बस पंचकूला डिपो की शामिल थी। 152-डी ग्रीन कॉरिडोर से बसों का संचालन शुरू होने के बाद यात्रियों को काफी फायदा मिल रहा था।
नारनौल से चंडीगढ़ पहुचंने में यात्रियों के तीन से साढ़े तीन घंटे कम लग रहे थे। वहीं 50 रुपये किराया भी कम लग रहा था, लेकिन नारनौल व पंचकूला डिपो ने दो बसों की संचालन बंद कर दिया है। विभाग की कहना है कि इन बसों का बुकिंग एवरेज 18 से 19 रुपये प्रति किलोमीटर आ रहा है। ऐसे में इन बसों को यात्रियों की कमी के कारण बंद कर दिया है। रोडवेज यूनियन ने बस का संचालन बंद करने पर ऐतराज जताया है उनका कहना है कि अभी ग्रीन कॉरिडोर से बसों का संचालन शुरू हुआ है, धीरे-धीरे बुकिंग भी बढ़ेगी।
दो बसों का संचालन बंद
152-डी ग्रीन कॉरिडोर से नारनौल डिपों की ओर से तीन बसों का संचालन किया जा रहा था। लेकिन अब नारनौल डिपो ने 5 बजकर 40 मिनट पर चंडीगढ़ जाने वाली बस का संचालन बंद कर दिया है। इसके अलावा पंचकूला डिपं ने नारनौल से रात 8 बजे चंडीगढ़ जाने वाली बस का संचालन बंद कर दिया है। बंद की गई बसों का एवरेज बुकिंग 18 रुपये प्रति किलोमीटर आ रही थी। अगर रोडवेज बस की बुकिंग 30 से 35 रुपये प्रति किलोमीटर आती है तो सहीं मानी जाती है। दो बसों का संचालन बंद होने के कारण चंडीगढ़ जाने वाले यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ेगी।
रोडवेज बसों में ज्यादा सफर करते हैं छ़ुट वाले यात्री
रोडवेज की बसों में छुट वाले यात्री अधिक सफर करते है। वहीं चंडीगढ़ जाने वाली बसों में अधिकाश यात्री विभिन्न विभागों में कार्यरत सरकारी कर्मचारी होते है। जिनका रोडवेज बसों में किराया नहीं लगता। 152-डी ग्रीन कॉरिडोर से बसों का सफर शुरू होने के बाद नारनौल से चंडीगढ़ पहुंचने में केवल चार घंटे का समय लगता है। ऐसे चंडीगढ़ विभिन्न विभागों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों ने प्रतिदिन आना-जाना कर दिया था। चंडीगढ़ जाने वाली एक बस में करीब 10 यात्री पुलिसकर्मी या फिर अन्य विभागों में कार्यरत सरकारी कर्मचारी होते है। ऐसे में रोडवेज विभाग को चंडीगढ़ चलने वाली बसों से ज्यादा फायदा नहीं होता।
शुरूआत में बुकिंग एवरेज कम
रोडवेज यूनियन के प्रधान अनिल भीलवाड़ा का कहना है कि अगर किसी बस संचालन शुरू होता है तो शुरूआत में बुकिंग एवरेज कम आती है। धीरे-धीरे यात्रियों का बसों की समय सारिणी का पता चलेगा उसके बाद बुकिंग एवरेज भी बढ़ेगी। विभाग का बसों का संचालन बंद नहीं करना चाहिए था।
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