हरियाणा : कैथल में स्वास्थ्य विभाग की साइट हैक करके बनाए 20 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र

हरिभूमि न्यूज : कैथल
स्वास्थ्य विभाग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किठाना व करोड़ा में रजिस्टर्ड साइट व पासवर्ड हैक कर 20 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है। यही नहीं हैकर ने बैक डेट में ऑनलाइन नाम भी दर्ज किया है। इनमें वर्ष 1958, वर्ष 1960 व वर्ष 1965 की भी एंट्री दर्ज कर 20 के करीब प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। दोनों स्वास्थ्य केंद्रों में न केवल कैथल जिले के कलायत सहित अन्य गांव से बल्कि दूसरे जिले करनाल, कुरुक्षेत्र व राजस्थान, जयपुर तक के फर्जी प्रमाण पत्र ऑनलाइन दर्ज करते हुए तैयार किए गए हैं।
विभाग की तरफ से जन्म प्रमाण पत्र को लेकर किए गए ऑनलाइन आवेदनों को रजिस्टर में रिकार्ड कर जब नंबरों को मिलान किया तो मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद कर्मचारियों ने इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। पहले तो विभागीय अधिकारियों को लगा की पोर्टल किसी कारणों से बंद है, लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो विभागीय अधिकारी दंग रह गए। मामले में पीएचसी करोड़ा की तरफ से पूंडरी तथा किठाना पीएचसी के प्रभारी की तरफ से राजौंद पुलिस थाना में शिकायत दी गई है। पुलिस विभाग की तरफ से इस मामले की जांच का जिम्मा साइबर पुलिस टीम को सौपा है। ऐसा बताया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में साइट हैक कर करीब 400 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। पंचकूला में सबसे ज्यादा एंट्री दर्ज की गई हैं।
सत्यनारायण निवासी ढूंढवा का बनाया प्रमाण पत्र
पूंडरी पुलिस थाना में दी शिकायत में बताया कि स्वास्थ्य केंद्र करोड़ा के रजिस्ट्रार जन्म व मृत्यु पंजीकरण की किसी व्यक्ति द्वारा ईमेल आइडी व पासवर्ड हैक करके सत्य नारायण पुत्र रामधारी गांव ढूंढवा तहसील कलायत, जिला कैथल का अवैध तरीके से जन्म प्रमाण पत्र ऑनलाइन दर्ज करवाते हुए बनाया गया है। इसलिए उक्त व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस पीएचसी में करीब 10 एंट्री इस तरह की फर्जी मिली हैं। इसी प्रकार किठाना पीएचसी की तरफ से भी राजौंद पुलिस थाना में साइट हैक कर फर्जी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है।
वृद्धावस्था पेंशन से जोड़कर देखा जा रहा मामला
जिस प्रकार से हैकर्स ने साइट को हैक कर 1958 से 1965 तक की एंट्री दर्ज की है। इससे प्रथम दृष्टया मामला वृद्धावस्था पेंशन से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आरोपी हैकर्स व्यक्तियों के बैक डेट में प्रमाण पत्र बनाकर देता है ताकि संबंधित वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उठा सकें। किठाना पुलिस चौकी इंचार्ज रामबीर ने बताया कि साइबर पुलिस थाना की टीम इस मामले को लेकर जांच कर रही है।
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सीएचसी किठाना और करोड़ा
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