लंपी वायरस वैक्सीन की 2310 डोज पहुंची हांसी, गौशालाओं में नए पशु लेने पर पाबंदी

हरिभूमि न्यूज, हांसी
पशुओं में फैली लंपी पॉक्स बीमारी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है हालांकि अभी तक हांसी क्षेत्र में लंपी पॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है। यदि क्षेत्र में इस बीमारी का कोई मामला सामने आता है तो इसके लिए पशु चिकित्सकों द्वारा पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। हांसी के पशु अस्पताल में इस बीमारी की वैक्सीन की पहली खेप पहुंच गई है। हांसी में वैक्सीन की 2310 डोज मिली है। विभाग की ओर से गौशाला में नए पशु लेने पर भी रोक लगा दी गई है। डॉक्टरों की टीम के द्वारा सभी गौ शाला व गांव में जाकर लोगों को इसके बारे जागरूक किया जा रहा है।
वैक्सीन केवल उसी क्षेत्र में फायदेमंद होगी, जहां पर लंपी वायरस का संक्रमण नहीं फैला हुआ है। वैक्सीन लगने के बाद पशुओं में इसकी प्रक्रिया का समय 20 दिन से लेकर एक माह तक होता है। हांसी में वैक्सीन की पहली खेप पहुंच चुकी है। टीम पशुओं की जांच में लगी हुई है। इसके फैलने पर तभी अंकुश लगेगा जब पशुओं के नीचे अच्छे तरीके से साफ सफाई रहेगी।
वैक्सीन व साफ सफाई का विशेष प्रबंध के चलते लंपी वायरस का संक्रमण कम फैल रहा है। शहर में बड़सी गेट के समीप बनी गौशाला, सालाडारी, महजत में यह देखने में सामने आया है कि यहां अब तक एक भी पशु इस वायरस से ग्रस्त नहीं है। गौशाला में निरंतर सफाई की जा रही है और पशुओं के स्थान भी समय पर समय पर बदले जा रहे हैं।
पशुओं में दिखाई दे लक्षण तो तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क
हांसी के पशु अस्पताल में तैनात डॉक्टर सुधीर मलिक ने बताया कि गौशाला व गांव में सर्वे का काम किया जा रहा है। पशुओं की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि पशु पालकों को ध्यान रखना चाहिए कि यदि पशुओं में बुखार, शरीर पर गांठे जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उन्होंने बताया कि हांसी में 2310 वैक्सीन प्राप्त हो चुकी है।
लम्पी डिजीज के लक्षण
लम्पी डिजीज की बात कि जाए तो पशुओं शुरुआती अवस्था में त्वचा पर चेचक, नाक बहना, तेज बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं। इस वायरस की वजह से पशुओं को काफी तेजी बुखार आता है। बुखार आने के बाद उनकी शारीरिक क्षमता काफी गिरने लगती है। इसके कुछ दिनों बाद पशुओं के शरीर पर चकत्ते नजर आने लगते हैं।
लम्पी डिजीज फैलने के कारण
बताया जा रहा है कि लम्पी डिजीज संक्रमित गाय के संपर्क में आने से दूसरी गायों में फैल रही है। यह मक्खी, मच्छर या फिर जूं द्वारा खून चूसने के दौरान फैल सकती है। इसके अलावा दूषित गाय के सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकती है। इसके कारण अब तक कई गायों की मौतें हो चुकी हैं।
लंपी डिजीज के लक्षण
लंपी डिजीज की बात कि जाए तो पशुओं शुरुआती अवस्था में त्वचा पर चेचक, नाक बहना, तेज बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं। इस वायरस की वजह से पशुओं को काफी तेजी बुखार आता है। बुखार आने के बाद उनकी शारीरिक क्षमता काफी गिरने लगती है। इसके कुछ दिनों बाद पशुओं के शरीर पर चकत्ते नजर आने लगते हैं।
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