Corona से हरियाणा में सर्वाधिक प्रभावित हुआ 25 से 34 आयुवर्ग, संक्रमितों में 60.9 प्रतिशत पुरुष और 39.1 फीसद महिलाएं

रवींद्र राठी : बहादुरगढ़
हरियाणा में कोरोना संक्रमण सबसे अधिक 25 से 34 आयु वर्ग के बीच में फैल रहा है। इस आयुवर्ग के 2 लाख 23 हजार 336 युवा संक्रमित हो चुके हैं। इसके बाद 35 से 44 आयुवर्ग में 1 लाख 75 हजार 704 लोग संक्रमित हो चुके हैं। जबकि 45 से 54 आयु वर्ग के 1 लाख 21 हजार 988 लोग संक्रमित हुए हैं। वहीं 15 से 24 आयुवर्ग में 1 लाख 13 हजार 474 युवा संक्रमण का शिकार हुए हैं। अब तक अधिसूचित हुए संक्रमित मामलों में 60.9 फीसदी पुरुष तथा 39.1 प्रतिशत महिलाएं हैं। सबसे बेहतर रिकवरी रेट महेंद्रगढ़ की 98.17 है, जबकि सबसे खराब रिकवरी रेट अंबाला की 87.67 है।
पहली लहर के दौरान जहां पीक (16.35 पॉजिटिविटी रेट) पर पहुंचने में 249 दिन लगे थे। वहीं दूसरी लहर में महज 93 दिन में ही पीक (30.15 पॉजिटिविटी रेट) आ गया था। फिलहाल 27 दिनों में ही पॉजिटिविटी रेट 18.80 प्रतिशत पहुंच गई है। महामारी के दौरान हरियाणा में अब तक सर्वाधिक 15 हजार 786 केस 4 मई 2021 को मिले थे। पहली लहर में सर्वाधिक 3104 केस 20 नवंबर 2020 को अधिसूचित हुए थे। पहली लहर में जहां हरियाणा में 25 नवंबर 2020 को सबसे ज्यादा 25 मौतें दर्ज हुई थी, वहीं दूसरी लहर में 5 मई 2021 को सबसे ज्यादा 177 मौत दर्ज हुई थी।
दरअसल, हरियाणा के गुरुग्राम में 17 मार्च 2020 को पहला कोविड-19 केस अधिसूचित हुआ था। इसके बाद प्रदेश में 16 जनवरी 2022 तक 8 लाख 46 हजार 898 कोरोना संक्रमित अधिसूचित हो चुके हैं। इनमें से 7 लाख 85 हजार 518 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। जबकि 10 हजार 104 लोगों की मौत हो चुकी है। हरियाणा में सबसे ज्यादा 2 लाख 14 हजार 383 केस गुरुग्राम में तथा सबसे कम 5007 केस चरखी दादरी में हैं। सक्रिय संक्रमितों के मामले में भी 16 जनवरी तक गुरुग्राम 21 हजार 129 मरीजों के साथ सबसे आगे है।
महेंद्रगढ़ में सबसे कम पॉजिटिविटी
कोविड जांच की बात करें तो गुरुग्राम में सबसे अधिक 24 लाख 75 हजार 159 सैंपल लिए जा चुके हैं। इसके बाद फरीदाबाद में 13 लाख 79 हजार 891 सैंपल लिए जा चुके हैं। तीसरे नंबर पर 8 लाख 52 हजार 895 जांच के साथ हिसार रहा। नए साल में औसत पॉजिटिविटी रेट में भी गुरुग्राम 17.19 प्रतिशत के साथ सबसे आगे रहा। जबकि महेंद्रगढ़ 1.83 फीसद के साथ सबसे अंतिम पायदान पर खड़ा रहा। हरियाणा की औसत 10.08 फीसदी रही।
सीरो पॉजिटिविटी में कुरुक्षेत्र आगे
बीते सप्ताह की बात करें तो हरियाणा में सबसे ज्यादा गुरुग्राम में 21 हजार 365 केस मिले हैं। इसके बाद फरीदाबाद में 8 हजार 496 तथा उसके बाद तीसरे नंबर पर पंचकूला में 3 हजार 889 केस मिले हैं। सीरो पॉजिटिविटी की बात करें तो पहले राउंड में फरीदाबाद में सबसे अधिक 25.8 प्रतिशत, दूसरे राउंड में यमुनानगर में सबसे अधिक 28.6 प्रतिशत तथा तीसरे राउंड में कुरुक्षेत्र में सबसे अधिक 85 फीसद मिली।
बढ़ाए चिकित्सा क्षेत्र के संसाधन
पहली और दूसरी लहर से सबक लेते हुए संसाधनों में भी बढ़ोतरी की गई है। बीते साल से सबक लेते हुए अब तक प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 90 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं। वेंटिलेटर की संख्या भी 192 से बढ़कर 858 तक पहुंच गई है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी 679 से बढ़कर 7 हजार 235 हो गए हैं। बाइपेप की संख्या भी 33 से बढ़कर 775 हो गई है।
जांच की क्षमता में भी इजाफा
महामारी की शुरूआत में कोविड जांच के बाद सेंपलों की रिपोर्ट आने में काफी समय लग रहा था। लेकिन अब हरियाणा में कुल 51 प्रयोगशालाओं में कोविड जांच हो रही है। इनमें 26 सरकारी लैब में प्रतिदिन 37 हजार 850 सैंपलओं की जांच की क्षमता है। जबकि 23 प्राइवेट लैब में 1 लाख 7 हजार 450 सैंपल की जांच प्रतिदिन संभव है।
वैक्सीनेशन में भी गुरुग्राम आगे
वैक्सीनेशन की बात की जाए तो गुरुग्राम में 25 लाख 64 हजार 229 लोगों को सिंगल डोज व 20 लाख 64 हजार 121 लोगों को डबल डोज दी जा चुकी है। जबकि चरखी दादरी में सबसे कम 4 लाख 16 हजार 713 लोगों को सिंगल डोज व 3 लाख 55 हजार 314 लोगों को डबल डोज दी जा चुकी है।
चिकित्सकों की सलाह
कोरोना सार्स सीओवी-2 वायरस के जरिए फैलने वाला संक्रमण है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के लार के तरल बिंदु छोटी-छोटी बूंदों के डिस्चार्ज से फैलता है। जब व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है। यह हमारे शरीर में प्रवेश करता है। सूखी खांसी, जुकाम और गले में दर्द, बुखार या बहुत ठंड लगना, थकान या शरीर में दर्द होना, सिर दर्द, नाक बहना, सांस लेने में दिक्कत होना या सांस फूलना, भूख न लगना तथा स्वाद अथवा गंध का न होना है। इससे बचने के लिए सावधानी एवं टीका लगवाना जरूरी है। फिलहाल राहत की बात यह है कि ज्यादातर संक्रमितों में हल्के-मध्यम लक्षण ही देखे जा रहे हैं और बिना अस्पताल जाए भी लोग आसानी से ठीक हो रहे हैं। ओमिक्रॉन संक्रमितों को फिलहाल विशिष्ट उपचार की भी जरूरत नहीं हो रही है। - डॉ. बिजेंद्र दलाल, वरिष्ठ फिजिशियन
मास्क भी वैक्सीन की तरह हमारी रक्षा करता है। मास्क पहनते समय नाक व मुंह ठीक ढंग से ढके होने चाहिए। घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करें। भीड़ में जाने से बचें। सर्दी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में दिक्कत हो तो जांच अवश्य कराएं। लगातार तीन दिन तक 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान हो तो अस्पताल जाएं। सांस लेने में परेशानी, ऑक्सीजन का स्तर एक घंटे में तीनों बार 93 से कम हो और सांस एक मिनट में 24 से अधिक हो, सीने में दर्द लगातार, मांसपेशियों में थकान महसूस हो तो अस्पताल जाना चाहिए। अन्य गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीजों को चिकित्सक की सलाह के साथ होम आइसोलेशन में ही रहना जरूरी है। इसमें लापरवाही बरतने की जरूरत नहीं है। - डॉ. बीएन मिश्रा, वरिष्ठ फिजिशियन
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