फर्जी एसईटीसी सर्टिफिकेट के आधार पर पदोन्नति एवं वेतन वृद्धि पाने वाले 3 क्लर्क सस्पेंड

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
नहर विभाग में फर्जी एसईटीसी सर्टिफिकेट के आधार पर पदौन्नति व वार्षिक वेतन वृद्धि पाने वाले तीन लिपिकों को सिंचाई विभाग हरियाणा के इंजीनियर इन चीफ राकेश चौहान नेतुरंत प्रभाव से पद से निलंबित कर दिया है। यह तीनों नहर विभाग में नारनौल एवं महेंद्रगढ़ में कार्यरत थे तथा अब इन पर धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज करने की तैयारी है। कर्मचारी हरियाणा कर्मचारी आयोग द्वारा मार्च 2018 में क्लर्कों भर्ती की गई थी, जिनमें से वीरपाल, रेणू एवं कर्मवीर सिंह ने नहर विभाग में लिपिक पद पर नौकरी ज्वाइन की गई।
लिपिक लगने के बाद पदोन्नति एवं वेतनवृद्धि जैसे लाभ प्राप्त करने के लिए कंप्यूटर टाइप टेस्ट पास करना अनिवार्य होता है। यह टेस्ट पंचकूला में हारट्रोन द्वारा लिया जाता है और इसे पास करने पर एसईटीसी सर्टिफिकेट जारी की जाती है। दो साल के प्रोबेशन पीरियड में संबंधित लिपिक द्वारा यह सर्टिफिकेट प्राप्त करने पर ही उसे पदोन्नति एवं वेतनवृद्धि प्रदान की जाती है। मगर कमाल की बात रही कि उक्त तीनों ही कर्मचारियों ने यह सर्टिफिकेट फर्जी तौर पर प्राप्त कर लिया तथा अपनी सर्विस बुक में जुड़वाकर पदोन्नति एवं वेतनवृद्धि प्राप्त कर ली। मगर जब इसकी भनक लगी तो इसकी जांच कराई गई। जिस पर फरवरी-2021 में हारट्रोन पंचकूला से एक स्पष्टीकरण प्राप्त हुआ, जिसमें साफ तौर पर लिखा गया कि उक्त दो कर्मचारी वीरपाल व कर्मवीर परीक्षा में उपस्थित हुए थे, लेकिन टेस्ट उत्तीर्ण करने योग्य नहीं थे।
तत्पश्चात हारट्रोन द्वारा पुन: 15 जून 20121 को स्पष्ट किया गया कि नारनौल के दोनों कर्मचारियों को उनके द्वारा सर्टिफिकेट जारी नहीं किए गए तथा एक कर्मचारी रेणू की जांच पुलिस द्वारा लंबित है। यह स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद एसई जेएलएन सर्कल नारनौल द्वारा हैड ऑफिस पंचकूला को इसकी सूचना दी गई। उस पर कार्यवाही करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। इनमें से दो क्लर्क वीरपाल एवं कर्मवीर जल सेवाएं यांत्रिक मंडल नारनौल में कार्यरत हैं, जबकि एक महिला कर्मचारी रेणू महेंद्रगढ़ कैनाल जल सेवाएं मंडल में कार्यरत हैं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS