हरियाणा के शहरी स्थानीय निकायों में 3 हजार पदों पर होगी भर्ती, HSSC को भेजी डिटेल

हरियाणा के शहरी स्थानीय निकायों में 3 हजार पदों पर होगी भर्ती, HSSC को भेजी डिटेल
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शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में फायर के 2000 पदों व निकायों में अन्य श्रेणियों के 1000 पदों पर भर्ती की जाएगी।

चंडीगढ़। हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने बताया कि शहरी स्थानीय निकायों में 3 हजार पदों पर शीघ्र ही भर्ती की जाएंगी। इसके लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ( एचएसएससी ) को मांग भेजी जा चुकी है। डॉ कमल गुप्ता पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि फायर के 2000 पदों व निकायों में अन्य श्रेणियों के 1000 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसके अलावा, सेवानिवृत जूनियर इंजीनियर व एसडीओ की सेवाएं लेने के लिए मामला प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि माता मनसा देवी परिसर के आसपास के क्षेत्र को पवित्र स्थल घोषित करने का निर्णय भी लिया गया है। इस क्षेत्र में मांस-मदिरा की दुकानें वर्जित होंगी। एक अन्य जवाब में निकाय मंत्री ने कहा कि शहरों को पशु रहित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए नगर निगमों द्वारा बेसहारा पशुओं को रखने के लिए अलग से जमीन पर चार दिवारी, शैड, बाड़े बनाए जा रहे हैं।

शहरी क्षेत्रों में प्रॉपर्टी आईडी बनाने वाला हरियाणा पहला राज्य

डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में मैपिंग, सर्वे करके 42 लाख 70 हजार से अधिक भूमि एवं भवनों को प्रॉपर्टी टैक्स के लिए चिन्हित किया गया है तथा इनकी प्रॉपर्टी आईडी बना दी गई है। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है। सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में हाउस टैक्स ब्याज माफी योजना के तहत संपत्ति मालिक या किरायेदार 31 दिसंबर, 2022 से पहले सभी देय संपत्ति कर जमा करवा कर योजना का पूरा लाभ उठाए। इस योजना के तहत देय हाऊस टैक्स राशि पर पूरा ब्याज माफ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले केवल 25 प्रतिशत व्यक्ति ही प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाते थे, लेकिन प्रॉपर्टी आईडी बन जाने से ये सभी व्यक्ति शहरी स्थानीय निकाय विभाग को प्रॉपर्टी टैक्स देंगे और इससे निकायों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।

डॉ गुप्ता ने कहा कि सर्वे के बाद लगभग 12 लाख से अधिक नई सम्पत्तियों की पहचान की गई। अभी तक 1 लाख 98 हजार आपत्तियां दर्ज हुई है। इनमें से एक लाख 60 हजार आपत्तियों का निपटान किया जा चुका है तथा शेष 38 हजार आपत्तियों के निपटान का कार्य प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि जिला नगर आयुक्त रैंक से नीचे के अधिकारियों को इन आपत्तियों को दूर करने की शक्तियां दे दी गई है, ताकि जनता से प्राप्त आपत्तियों का तत्परता से निपटान किया जा सके।

शहरों में पार्किंग के लिए मार्किंग

डॉ कमल गुप्ता ने कहा कि सरकार ने शहरों में भीड़ वाले स्थानों पर पार्किंग के लिए मार्किंग करने का निर्णय लिया हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इससे शहरी क्षेत्रों में जाने वाले लोग निर्धारित स्थान पर ही गाड़ी की पार्किंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों, बैंक, स्कूल आदि सार्वजनिक स्थलों पर भी गाड़ियों की पार्किंग के लिए निर्धारित स्थान पर मार्किंग का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, यमुनानगर, पानीपत, करनाल, रोहतक, हिसार, पंचकूला, सोनीपत, मानेसर व अम्बाला सहित कुल 11 नगर निगमों में एक लाख 20 हजार दोपहिया व चार पहिया वाहनों को खड़ा करने के लिए स्थानों की मार्किंग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना

डॉ गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 20 साल से अधिक मकानों व दुकानों के किराएदारों को मालिकाना हक देने के लिए 7077 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 1761 को मालिकाना हक दिया गया है तथा 1304 आवेदन रद्द हुए और 4012 आवेदनों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में ई-नीलामी प्रक्रिया के तहत विज्ञापन नीति क्रियान्वित की जा रही है। इसके तहत अब तक 342 साईटों को चिन्हित किया गया है तथा जिनमें से 42 साईट की ई-नीलामी हुई है जिससे 5.92 करोड़ रुपये की वार्षिक आमदनी हुई है। यह आय निकायों में विकास कार्यों पर खर्च की जानी है।

अवैध कालोनियों को किया जाएगा नियमित

डॉ. गुप्ता ने कहा कि राज्य के विभिन्न शहरों में विकसित अवैध कालोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया जारी है। सर्वे के दौरान 2237 कालोनियां अवैध मिली हैं। इनमें शहरी निकायों द्वारा 1409 कालोनियों को नियमित करने हेतु प्रस्ताव पारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने रेजिडेंट वैल्फेयर एसोसिएशनों के माध्यम से इन अवैध कालोनियों को नियमित करने के लिए आवेदन मांगे है। आरडब्लूए के माध्यम से अब तक 46 कालोनियों के आवेदन के प्रस्ताव मिले हैं। इन कालोनियों को लागू नियमानुसार जल्द ही नियमित किया जाएगा।

स्वच्छ शहर-सुरक्षित शहर

डॉ कमल गुप्ता ने कहा कि सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत प्रदेश में 101 लाख मीट्रिक टन लेगेसी वेस्ट का निष्पादन किया जाना था, इसमें से 40 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निष्पादन किया जा चुका है। शेष कूड़े का भी जल्द ही समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डोर टू डोर कूड़े को एकत्र करने के लिए प्रदेश में 13 क्लस्टर बनाए गए हैं। इनके तहत सोनीपत व पानीपत में 700 मीट्रिक टन क्षमता का एक कचरा प्रबन्धन प्लांट संचालित है। गुरुग्राम व फरीदाबाद में 1500 मीट्रिक टन क्षमता का प्लांट शीघ्र लगा दिया जाएगा। इसके अलावा, करनाल-कैथल-थानेसर में 638 एमटी, सिरसा में 168 एमटी व भिवानी में 155 एमटी क्षमता के ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट लगाए जा रहे हैं। अम्बाला-यमुनानगर, रोहतक-बहादुरगढ-झज्जर, हिसार-फतेहाबाद, जीन्द, रेवाड़ी, पलवल-पुन्हाना, फरूखनगर व पंचकूला में शीघ्र ही कचरा प्रबंधन प्लांट लगाए जाएंगे।

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