स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले के सिविल अस्पताल में डिलीवरी के बाद 3 महिलाओं की मौत, मचा हड़कंप, ऑडिट कमेटी ने बिठाई जांच

हरिभूमि न्यूज : अंबाला
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के गृह जिले अंबाला कैंट के नागरिक अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की लगातार हो रही मौतों से हड़कंप मचा हुआ है। सात दिन में तीन महिलाएं दम तोड़ चुकी हैं। सीजेरियन डिलीवरी के बाद इन महिलाओं की मौत हुई है। दो महिलाओं की मौत चंडीगढ़ पीजीआई में हुई जबकि एक महिला ने अस्पताल के ऑप्रेशन थियेटर में दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन की ओर से अब इन महिलाओं की मौत को लेकर एक जांच कमेटी बनाई गई है। रिपोर्ट के आधार पर ही महिलाओं की मौत की स्थिति स्पष्ट होगी। दरअसल वीरवार शाम को कलरहेड़ी की रहने वाली एक महिला डिलीवरी के लिए कैंट के नागरिक अस्पताल में दाखिल हुई थी।
सीजेरियन डिलीवरी के बाद उसकी हालत बिगड़ गई। बताते हैं कि ज्यादा खून बहने की वजह से महिला की स्थिति बिगड़ी थी। इसके बाद उसने दोबारा ऑप्रेशन थियेटर में ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। बेशक इन मौतों को लेकर अस्पताल में हंगामा नहीं हुआ लेकिन लगातार तीन गर्भवती महिलाओं की मौत से अब यहां की व्यवस्थाओं पर सवाल उठ रहे हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होने का दावा करने वाले अस्पताल में लगातार महिलाओं की मौत होने से सवाल उठने लाजिमी है।
ऑडिट कमेटी भी कर रही है रिव्यू
नागरिक अस्पताल में लगातार हो रही महिलाओं की मौत को लेकर ऑडिट कमेटी भी रिव्यू कर रही है। रिव्यू को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। इसकी रिपोर्ट सामने आने के बाद ही महिलाओं की मौत की असल वजह सामने आएगी। हालांकि दबी जुबान में ज्यादातर स्टाफ कर्मचारी यहां की व्यवस्थाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यहां के गायनी वार्ड में स्टाफ नर्सों की कमी बताई जा रही है। अभी दो से काम चलाया जा रहा है जबकि यहां चार नर्सों की जरुरत है। अस्पताल में हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं के लिए आईसीयू की व्यवस्था नहीं है। कई बार सीजेरियन डिलीवरी से पहले व बाद में महिलाओं की स्थिति बिगड़ जाती है। आईसीयू की व्यवस्था न होने की वजह से महिलाओं को चंडीगढ़ रेफर करना पड़ता है। अल्ट्रासाउंड व लैब टेस्ट की रिपोर्ट को भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इन व्यवस्थाओं को भी ध्यान देने की जरुरत है।
अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी
नागरिक अस्पताल में रोजाना दस से ज्यादा डिलीवरी होती है। मगर यहां केसों के हिसाब से स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति नहीं है। अस्पताल में कोई रेजिडेंट सर्जन नहीं है जिसकी वजह से जरुरत पड़ने पर प्राइवेट सर्जन को बुलाना पड़ा। अभी अस्पताल में सर्फि दो ही चिकित्सक सर्जरी देख रही हैं। अस्पताल में अब पड़ोसी जिलों से भी डिलीवरी केस आ रहे हैं। इसी वजह से यहां वर्कलोड बढ़ गया है। प्रसूता विंग में यहां 30 बैड की क्षमता है जोकि अब कम पड़ने लगी है। यहां स्टाफ नर्सिंग के भी कई पद खाली पड़े हैं।
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