मरे व्यक्ति के खाते से निकाले 30 लाख रुपये, दो डिप्टी मैनेजर सहित चार बैंक कर्मियों पर केस दर्ज

मरे व्यक्ति के खाते से निकाले 30 लाख रुपये, दो डिप्टी मैनेजर सहित चार बैंक कर्मियों पर केस दर्ज
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इस खाते की 30 लाख राशि 10, 7 व 13 लाख करके तीन बार में निकाली गई है। जांच में पता चला कि रुपये निकालने के लिए किसी की निकासी पर्ची का प्रयोग किया गया। फिलहाल पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।

रोहतक। कस्बा महम के गांव मोखरा में स्थित एक बैंक की शाखा के चार कर्मचारियों ने बैंक की यूपी के दादरी स्थित शाखा के मरे हुए खाताधारक के खाते से 30 लाख रुपये निकाल लिए। आरोप है कि इस काम को करने में फर्जी हस्ताक्षर व अंगूठे के निशान का प्रयोग किया गया। शाखा प्रबंधक ने मामले की शिकायत बहुअकबरपुर थाना में दी है। इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा ने जांच करने के बाद दो डिप्टी मैनेजर सहित चार कर्मियों पर केस दर्ज किया है। एक डिप्टी मैनेजर सहित दो कर्मी पहले से ही निलंबित हैं। जबकि दो अन्य के कार्यभार बदले जा चुुके हैं।

मामले के अनुसार, मोखरा शाखा के प्रबंधक प्रदीप कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके पास 10 अगस्त को यूपी के दादरी से सुबोध का फोन आया। उसने बताया था कि उसके पिता अत्तर सिंह की दो साल पहले ही मौत हो गई थी। उसके पिता का खाता बैंक की दादरी स्थित शाखा में है। जहां से 19 जुलाई, 5 अगस्त और 8 अगस्त को 30 लाख रुपये मोखरा की शाखा से निकाले गए हैं। इसके बाद तत्कालीन शाखा प्रबंधक सूरज गुप्ता ने मामले के बारे में बैंक में आंतरिक पूछताछ की। इस दौरान शाखा से ही इस खाते की 30 लाख राशि 10, 7 व 13 लाख करके तीन बार में निकाली गई है। जांच में पता चला कि रुपये निकालने के लिए किसी रामफूल की निकासी पर्ची का प्रयोग किया गया। यह पर्ची 14 जुलाई की है, लेकिन इस पर्ची पर नगद भुगतान 19 जुलाई का दिखाया गया है। साथ ही कोई राशि भी नहीं लिखी गई है। हैरानी की बात यह है कि पर्ची हैड कैशियर द्वारा साइन नहीं की गई है। बैंक के उस कॉलम को, जहां संबंधित कर्मियों के हस्ताक्षर या सीरियल नंबर होने चाहिए को खाली छोड़ा गया है। जांच में पता चला कि असली खाता धारक ने मरने से पहले खुद 2015 में खाते में अंगूठे के निशान को बदल दिया था। इसके बावजूद यह रकम निकाल ली गई।

इनकी मिलीभगत मिली

शुरुआती जांच में बैंक के तत्कालीन डिप्टी मैनेजर संदीप कुमार, एसडब्ल्यूओ सोनिया, डिप्टी मैनेजर संदीप दलाल और एसडब्ल्यूओ सोनूभांकर की मिलीभगत मिली है। डिप्टी मैनेजर संदीप कुमार और एसडब्ल्यूओ सोनिया निलंबित हैं। जबकि अन्य दो कर्मचारियों के भी कार्यभार बदल दिए गए थे।

बैंक शाख प्रबंधक की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच की। इसके बाद आरोपित कर्मियों पर धोखाधड़ी, षड़यंत्र सहित अन्य आरोपों में केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। -अशोक कुमार, थाना प्रभारी, बहुअकबरपुर

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