शहरी स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित 4 अधिनियमों को किया जाएगा निरस्त

शहरी स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित 4 अधिनियमों को किया जाएगा निरस्त
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सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति इकबाल सिंह की अध्यक्षता में गठित हरियाणा संविधि समीक्षा समिति ने इन कानूनों को निरस्त करने की सिफारिश की है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित पुराने व अप्रासंगिक हो चुके 4 अधिनियमों को निरस्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति इकबाल सिंह की अध्यक्षता में गठित हरियाणा संविधि समीक्षा समिति ने इन कानूनों को निरस्त करने की सिफारिश की है। हरियाणा सरकार ने ऐसे कानूनों की पहचान करने के लिए जो आर्थिक उदारीकरण के मौजूदा माहौल के अनुरूप नहीं हैं और जिन्हें बदलने या निरस्त करने की आवश्यकता है। इसके लिए न्यायमूर्ति श्री इकबाल सिंह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में हरियाणा संविधि समीक्षा समिति का गठन किया था।

कमेटी ने पंजाब स्मॉल टाउन (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1934, पंजाब म्युनिसिपल (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1934, पंजाब अर्बन इमूवेबल प्रॉपर्टी टैक्स (वेलिडेशन ऑफ लिस्ट्स) एक्ट, 1943 और पंजाब म्युनिसिपल (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1956 को निरस्त करने की सिफारिश की।

फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम

वहीं मंत्रिमंडल की बैठक में फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2018 (2019 का हरियाणा अधिनियम संख्या 9) में संशोधन के संबंध में एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। संशोधन के अनुसार अब संशोधित अधिनियम को फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2022 कहा जा सकता है।उक्त अधिनियम में संशोधन के अनुसार, धारा 9 के खंड (1) के लिए, निम्नलिखित खंड अर्थात् राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, सचिव या इससे ऊपर के रैंक के अधिकारी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त करेगी। इससे पहले, प्रधान सचिव या इससे ऊपर के रैंक के अधिकारी को सीईओ के रूप में नियुक्त करने का प्रावधान था।

इसी तरह, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2017 ( 2017 के हरियाणा अधिनियम संख्या 34) में भी संशोधन किया गया है और संशोधन के बाद, इस संशोधित अधिनियम को गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2022 कहा जा सकता है। इस अधिनियम में भी सीईओ की नियुक्ति को लेकर उपरोक्त संशोधन किया गया है अब, संशोधन के अनुसार सरकार सचिव रैंक के किसी भी अधिकारी को जीएमडीए का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त कर सकती है।

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