फिर जानलेवा हुआ कोरोना : हरियाणा में 5 लोगों की मौत, 5736 नए केस मिले, देखें जिलेवार सूची

हरियाणा में कोराेना का संक्रमण पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। कोरोना से अब लोगों की मौत भी होने लगी है। सोमवार को प्रदेश में 5736 नए केस मिले और पांच लोगों की मौत हो गई। इनमें एक मौत गुरुग्राम में, एक करनाल में, दो अंबाला में और एक मरीज की माैत यमुनानगर जिलेे में हुई। वहीं 26 नए मामले ओमिक्रॉन के भी मिेले। सबसे ज्यादा केस गुरुग्राम जिले में मिल रहे हैैं। अब हरियाणा में 22477 एक्टिव केस हैं और कुल 10077 लोगों की मौत हो चुकी है।
सबसे ज्यादा मामले एनसीआर के जिलों में
हरियाणा में अब ओमिक्रोन और डेल्टा जैसे वायरस ने दस्तक दे दी है, सबसे ज्यादा मामले एनसीआर के जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत पानीपत, करनाल, पंचकूला सहित कईं हाइवे के जिलों में सामने आ रहे हैं। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों का कहना है कि सूबे में हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। वीसी के जरिये सारे राज्य के सभी जिलों में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और एसीएस राजीव अरोड़ा अपने अफसरों के साथ मे लगातार समीक्षा करने में जुटे हुए हैं। वीसी के जरिये सभी जिलों में जिला उपायुक्तों औऱ पुलिस अधीक्षकों के साथ में हालात की समीक्षा की जा रही है।
समीक्षा के दौरान सामने आए तथ्यों पर गौर करें, तो देश के साथ-साथ हरियाणा में भी ओमिक्रोन के सामने आ रहे हैं, जिसमें एनसीआर के जिलों में ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। हरियाणा में ओमिक्रोन के 136 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 25 एक्टिव केस प्रदेश में एक्टिव हैं। एक दिन पहले रविवार को 13 केस ओमिक्रोन के केस एक्टिव सामने आए हैं। हेल्थ विभाग की निदेशक ऊषा गुप्ता इस बात पर संतोष जता रही हैं कि ओमिक्रोन और डेल्टा को लेकर हमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। केंद्र की ओऱ से जो हाल ही में सर्वे आया है, उसके अनुसार 93 फीसदी मामले हल्के लक्षण वाले हैं, अर्थात अस्पताल में जाने की जरूरत नहीं हुई है। अस्पताल में जाने की स्थिति बहुत ही कम है, दूसरी लहर के मुकाबले बहुत ही कम लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। उनका कहना है कि जरूरी है कि लोगों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, कोविड की गाइड लाइन की जरूरत है, दो गज की दूरी जरूरी है, मास्क का प्रयाेग आदि जरूरी है।
फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज की शुरुआत
सूबे में फ्रंटलाइन वर्क र्स को वैक्सीनेशन की मुहिम शुरु कर दी गई है। तीन जनवरी से बच्चों में टीकाकरण चल रहा है, जबकि दस जनवरी से बूस्टर डोज की शुरुआत कर दी गई है, प्रदेश में संतोषजनक हालात हैं। अगर लोगों में हल्के लक्षण हैं, तो घरों में रहने आइसोलेशन की गाइडलाइन शुरु की गई है। इसका प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है। अगर किसी की तबीयत में कोई दिक्कत आती है, अथवा लवक्षण दिखें, तो डाक्टर की सलाह पर अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है। गुप्ता का कहना है कि दूसरी लहर में जिस तरह से बैड आदि को लेकर दिक्कत थी, उस तरह की बात नही हैं। फिलहाल राज्य में 18 हजार के करीब राज्य में केस सक्रिय हैं, जिसमें से 15 हजार केस घरों में हैं। एनसीआर के जिलों में मरीजों की संख्या अच्छी खासी है। दूसरी लहर में भी वही जिले शामिल थे, जहां पर लोगों का आवागामन ज्यादा हैं क्योंकि वहां पर एयरपोर्ट आबादी ज्यादा है। इस कारण से गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत पानीपत, पंचकूला जैसे जिलों में आ रहे हैं। राज्य में साढ़े तेरह हजार नान आक्सीजन बेड और 14 हजार आक्सीजन वाले बैड हैं। 90 से ज्यादा आक्सीन प्लांट प्रदेश में काम कर रहे हैं।
वैक्सीनेशन और विभाग की टीमें तैयार
प्रदेश में सारे हालात पर खुद सेहत मंत्री अनिल विज और आला अफसर नजर बनाए हुए हैं। सेहत मंत्री अनिल विज का कहना है कि राज्य स्वास्थ्य विभाग की टी किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा की एमडीयू यूनिवर्सिटी ने जीनोम सर्विलांस की शुरुआत हुई है। पहले जो सैंपल केंद्र को जाते थे, उनकी सैंपलिंग अब हरियाणा में लिए जा रहे हैं। डब्ल्यूजीएस के सैंपल पहले केंद्र को जाते हैं, वो अभी यहीं सैंपल हो रहे हैं। अभी तक यहां पर तीन बैच लग चुके हैं, जिसमें पहले बैच में 7 मामले ओमिक्रोन मामले, 85 मामले डेल्टा के थे। तीसरे बैच की रिपोर्ट आई है, जिसमें 56 फीसदी ओमिक्रोन और 46 फीसदी डेल्टा के केस हैं। अर्थात डेल्टा को ओमिक्रोन रिप्लेस कर रहा है। अनिल विज का कहना है कि प्रदेश में वैक्सीनेशन की मुहिम भी बेहतर ढ़ंग से चल रही है। सबसे पहले बुजुर्गों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को यह दी जा रही है।
हर हालात से निपटने के लिए तैयार : विज
प्रदेश के सेहत मंत्री अनिल विज का कहना है कि प्रदेश में दो लहरों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए किसी भी हालात से निपटने के लिए हमने तैयारी कर ली है, लोगों से अपील है कि सावधानी बरतें और कोविड की गाइडलाइन का पालन करें। विज का कहना है कि हल्के लक्षण वाले मरीज इस बार ज्यादा संख्या में आ रहे हैं, उसके बावजूद हमने कोई भी लापरवाही नहीं करनी।
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