5 बार MLA, 3 बार मंत्री और 2 बार भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे रामबिलास शर्मा को अपनी ही सरकार में किया जा रहा दरकिनार

सतीश सैनी : नारनौल
बेशक हरियाणा भाजपा के कद्दावर नेता प्रो. रामबिलास शर्मा चुनाव हार गए हों लेकिन देश व प्रदेश में उनके प्रशंसकों की कमी नहीं है। गत पिछले दिनों देश में सम्पन्न पांच राज्यों में से चार प्रदेशों में भाजपा की शानदार जीत के मौके पर पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा ने अपने विधानसभा क्षेत्र में लड्डू बांटकर व डीजे पर नाचकर खुशी का इजहार किया था। इस डांस की चार सेकंड की वीडियो जब सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर अपलोड हुई तो नौ लाख 54 हजार 961 से अधिक लोगों ने देखी। देखने वालों में प्रशंसक व कुछ विपक्ष से जुड़े लोग भी हो सकते हैँ। इस संख्या को देखकर उनकी प्रसिद्धि का अंदाजा लगाया जा सकता है।
रामबिलास शर्मा पांच बार महेंद्रगढ़ से विधायक, तीन बार प्रदेश सरकार में मंत्री व दो बार हरियाणा भाजपा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हीं के प्रदेश अध्यक्ष काल में भाजपा ने पहली बार पूर्ण बहुमत से 2014 में सत्ता हासिल की थी। लेकिन पिछले दिनों उनके शहर महेंद्रगढ़ में प्रशासन द्वारा हटाए जा रहे खोखे को अपनी ही सरकार में नहीं बचा सके। पूर्व मंत्री देर रात प्रशासन के सामने विनती करते नजर आए, जिससे बड़ी संख्या में प्रदेश में उनके समर्थकों व संघर्ष के समय रामबिलास शर्मा के साथ रहे कार्यकर्ताओं में मायूसी का आलम है। उनके समर्थक व संघर्ष के साथी मानते हैं जिस व्यक्ति ने जनसंघ से लेकर अब तक अपना पूरा जीवन पार्टी को समर्पित कर दिया। इमरजेंसी के दौरान पुलिस की यातनाओं को सहन किया। उनकी ही अपनी सरकार में सुनवाई नहीं हो रही तो भला आम कार्यकर्ता की सुनवाई कैसे संभव है। ऐसी अब आम चर्चा होने लगी है।
अब यह दौर भी...सत्ता में खुद की पार्टी, फिर भी हाथ जोड़ गिड़गिड़ाने को मजबूर
महेंद्रगढ़ शहर में 31 मार्च की शाम प्रशासन ने रेलवे रोड पर अवैध करार कर खोखे हटाने शुरू किए। जब पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा को यह पता चला तो वह वहां पहुंचे। प्रशासन व पुलिस दल मौजूद था। बार-बार विनती करते रहे। उनके प्रशासन के समक्ष शब्द थे, 'हम्बल रिक्वेस्ट। प्लीज स्टॉप दिस नॉनसेंस। यह बस्ती मेरे खून से बनी है। इस जेसीबी को तुरंत रोक दीजिए। माननीय मुख्यमंत्री जी से मेरी बात हो गई है। यहां के डिप्टी कमीशनर श्रीश्याम लाल पुनिया से मेरी बात हो गई है। दिनेश कुमार एसडीएम के साथ हमने एक सप्ताह पहले सब खोखे वालों को बैठाकर बात हो गई थी। इस जेसीबी को रोक दीजिए साहब। मोबाइल पर एसडीएम से बात करते हुए कहा कि दिनेश जी इस जेसीबी को रोक दीजिए। आपसे बात हुई थी। मेरी माननीय मुख्यमंत्री से बात हो गई है। एक बार जेसीबी को तुरंत रोक दी दीजिए। मैं मौके पर खड़ा हूं। नहीं...नहीं अभी जेसीबी रोकें। यह जेसीबी दिखती है तो मेरे खून से...। बड़ी मेहनत से यह बस्ती बसाई है साहब। दिनेश जी तुरंत रोकें। जी अभी तुरंत। जो भी ड्यूटी मेजिस्ट्रेट हैं उनको आदेश दीजिए। जो भी बात करेंगे आप और हम बैठेेंगे।'
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