द्वारका एक्सप्रेस- वे का 50 प्रतिशत निर्माण पूरा, जानें क्यों खास है यह मार्ग

केंद्रीय सडक़ परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने और तय समय मे कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
गडकरी ने खेडक़ी दौला टोल प्लाजा के पास से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के साथ एक बस में सवार होकर एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री को बताया गया कि एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य 50 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। अधिकारियों ने बताया कि एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है जिसमें से 18.9 किलोमीटर लंबाई हरियाणा की सीमा में तथा बाकी 10.1 किलोमीटर की लंबाई दिल्ली की सीमा में है। एक्सप्रेस वे की कुल 29 किलोमीटर लंबाई में से 23 किलोमीटर एलीवेटिड है तथा चार किलोमीटर की दूरी में टनल का निर्माण होगा। इस एक्सप्रेस वे में आठ लेन फ्लाईओवर के अलावा 6 सर्विस लेन भी बनाई जा रही हैं। इतना ही नहीं, दिल्ली में द्वारका के पास इस एक्सप्रेस वे पर भारत का पहला चार लैवल का इंटरचेंज बनाया जाएगा, जिसमें टनल अथवा अंडरपास, ग्रेड रोड, ऐलीवेटिड फ्लाईओवर और उस फ्लाईओवर से ऊपर एक और फ्लाईओवर बनेगा। इसके साथ ही, द्वारका के पास से एयरपोर्ट के लिए 3.6 किलोमीटर लंबाई की 8 लेन की टनल (सुरंग) बनाई जाएगी। यह अर्बन रोड टनल भारत में अपनी तरह की पहली होगी।
12 हजार पेड़ किए गए ट्रांसप्लांट
इस एक्सप्रेस वे के निर्माण के रास्ते में आ रहे लगभग 12 हजार पेड़ ट्रांसप्लांट किए गए हैं ताकि पर्यावरण को नुकसान ना हो। यह पूरा प्रोजेक्ट इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम से युक्त होगा और इस पर पूरी तरह से स्वचालित (ऑटोमेटिड) टोल सिस्टम होगा।
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