हैंडलूम नगरी पानीपत के 60 हजार टेक्सटाइल उद्यमी व बुनकर CPCB के खिलाफ कल उतरेंगे सड़कों पर, ये हैं मांगें

पानीपत। पानीपत के टेक्सटाइल उद्यमियों ने शनिवार को बैठक कर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( सीपीसीबी ) के खिलाफ सड़कों पर उतरने का फैसला कर लिया है। अब उद्यमी पानीपत को एनसीआर से निकालने के लिए एक अलग से एसोसिएशन बनाएंगे और यह एसोसिएशन प्रदेश व केंद्र स्तर पर उद्यमियों के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष करेगी। वहीं टेक्सटाइल उद्योग से जुड़ी 36 एसोसिएशन एक मंच पर आ गई है। सभी उद्यमियों ने सीपीसीबी के निर्देशों को हास्यप्रद बताया। मीटिंग में फैसला किया गया कि शनिवार को 60 हजार टेक्सटाइल उद्योगपति व श्रमिक सड़कों पर उतरेंगे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( सीपीसीबी ) व सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करेंगे। रोष प्रदर्शन जिम खाना क्लब से लघु सचिवालय तक निकाला जाएगा। अगर सीपीसीबी व सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वो प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। उद्यमियों के एक दल ने डीसी से मुलाकात कर उन्हें प्रदर्शन के बारे में ज्ञापन भी सौंपा। शहर के दो हजार उद्योग लगातार तीसरे दिन भी पूर्ण रूप से बंद रहे। उद्यमियों को इन तीन दिनों में लगभग 950 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है। लगभग दो लाख श्रमिक घर बैठ गए हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनसीआर में कोयला संचालित सभी प्रकार के उद्योगों को 12 दिसंबर तक बंद कर दिया है। टेक्सटाइल उद्यमियों ने वीरवार शाम को हुई मीटिंग में पर्यावरण को उद्योगों से कितना नुकसान हो रहा है। इसकी रिपोर्ट तकनीकी एक्सपर्ट से तैयार कराने का निर्णय लिया है। इसी रिपोर्ट के आधार पर वो सुप्रीम कोर्ट में सीपीसीबी के खिलाफ संघर्ष करेंगे। यहां पर उद्यमी पीएनजी का भी मुद्दा उठाएंगे, क्योंकि पीएनजी की सप्लाई लेने से उत्पादन की कीमत तीन गुना तक बढ़ जाती है। अब 500 डाइंग यूनिट पूरी तरह से बंद है। इसके चलते टेक्सटाइल उद्योग में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया। इसके चलते नव वर्ष के लिए मिले टेक्सटाइल आर्डरों को पूरा करना मुश्किल हो रहा है और उद्योग को प्रति दिन करीब तीन सौ करोड रूपये का नुकसान हो रहा है।
इधर, बैठक में पानीपत डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा नरे कहा कि सरकार के लिए इंडस्ट्री को टारगेट करना बड़ा आसान है। सीपीसीबी प्रदूषण के असल कारणों का पता नहीं लगाती। सीधे तौर पर उद्योगों को टारगेट करती है। सीपीसीबी का दबाव है कि पीएनजी पर उद्योगों को लेकर आएए पीएनजी पर उद्योगों को लाने में 40 लाख रुपये का खर्च होगा। मीटिंग में ये तय हुआ है शनिवार को वो सड़कों पर उतरेंगे। विरोध प्रदर्शन करेंगे। अगर सीपीसीबी ने उनकी मांगे नहीं मानी तो प्रदेश स्तर पर आंदोलन होगा। श्री भगवान अग्रवाल, प्रधान सेक्टर 29 इंडस्ट्रियल एस्टेट एसोसिएशन ने कहा कि प्रदूषण के लिए उद्योगों को टारगेट किया जाना गलत है। उद्यमियों को इतना परेशान किया जा रहा है कि वो पलायन करने को मजबूर हैं। कोयला संचालित सभी उद्योग बंद हैं। सभी उद्योग एक दूसरे से जुड़े हैं। सभी उद्योग प्रभावित हैं, सभी एसोसिएशन आंदोलन के लिए एकजुट होकर एक मंच पर आ गई हैं।
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