खुशखबरी : किसानों को वाटर टैंक के निर्माण पर मिलेगी 70 प्रतिशत सब्सिडी

हरिभूमि न्यूज : जींद
डीसी डा. आदित्य दहिया ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से किसान कम पानी में फसलों का उत्पादन कर सकते हैं। इससे पानी की बचत के साथ-साथ फसलों की सिंचाई पर होने वाले खर्च को भी कम किया जा सकता है। हरियाणा सरकार की ओर से किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने पोर्टल डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट काडा हरियाणा डॉट एनआईसी डॉट पर तैयार किया है, जिस पर किसान पंजीकरण कर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना के लाभ किसान व्यक्तिगत या कम से कम चार किसानों के समूह के रूप में ले सकते हैं। व्यक्तिगत रूप में किसानों को वाटर टैंक के निर्माण पर 70 प्रतिशत, सोलर पंप पर 75 प्रतिशत तथा मिनी स्प्रिंकलर, ड्रिल पर 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। इसी प्रकार किसानों के समूह को वाटर टैंक के निर्माण पर 85 प्रतिशत, सोलर पंप पर 75 प्रतिशत तथा मिनी स्प्रिंकलर, ड्रिल पर 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
वाटर टैंक की खुदाई पूरी होने पर सब्सिडी का 20 प्रतिशत, वाटर टैंक का निर्माण पूरा होने पर 40 प्रतिशत तथा लाभांवित क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना पर 40 प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए विभाग के पोर्टल पर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सिंचाई विभाग व सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के अधिकारी सरकार द्वारा तय लक्ष्य के अनुसार किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से जोडें। इस संबंध में अधिक से अधिक किसानों को जागरूक किया जाए तथा सूक्ष्म सिंचाई के लिए तालाब, सोलर पंप, मिनी स्प्रिंकलर, ड्रिप का निर्माण व स्थापना करवाना सुनिश्चित करें।
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