नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण : हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से किया जवाब तलब, 7 मार्च तक का दिया समय

नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण : हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से किया जवाब तलब, 7 मार्च तक का दिया समय
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को जैसे ही इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई, याची पक्ष की तरफ से बहस करने की मांग की गई। मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को 7 मार्च तक जवाब दायर करने का आदेश दिया है।

हरियाणा के निवासियों को प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण तय करने के हरियाणा सरकार के कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को जैसे ही इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई, याची पक्ष की तरफ से बहस करने की मांग की गई। इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में 22 फरवरी को इस मामले की सुनवाई की कार्ययोजना तय करने का आदेश दिया था।

इस मामले में केंद्र सरकार भी प्रतिवादी है, ऐसे में उसके जवाब के बगैर कैसे बहस हो सकती है। इस पर हाईकोर्ट के जस्टिस अजय तिवारी और जस्टिस पंकज जैन की बेंच ने राज्य सरकार व केंद्र को जवाब दायर करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई 7 मार्च तक स्थगित कर दी। मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को 7 मार्च तक जवाब दायर करने का आदेश दिया है। इस याचिका पर पिछले महीने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 75 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी थी। हरियाणा सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण न देने पर कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई पर भी रोक लगाते हुए हाई कोर्ट के आरक्षण के रोक के आदेश को रद कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक के फैसले में कारण नहीं बताया और सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को इस मामले में दोबारा सुनवाई करने का आदेश दिया था।इस मामले में फरीदाबाद व गुरुग्राम के औद्योगिक संगठनों ने दायर कर हरियाणा में 15 जनवरी से लागू रोजगार गारंटी कानून पर रोक की मांग की है। रोजगार गारंटी कानून के तहत प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों, खासकर उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रविधान है।हाई कोर्ट जस्टिस अजय तिवारी और जस्टिस पंकज जैन ने इस कानून के अमल पर स्टे आर्डर पिछले महीने जारी कर दिया था। हाई कोर्ट के स्थगनादेश के खिलाफ हरियाणा सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को रद कर हाई कोर्ट को दोबारा सुनवाई करने को कहा था।

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