सोलर पंप लेने वालों को वापिस देनी पड़ सकती है 75 प्रतिशत सब्सिडी की राशि, भूलकर भी ना करें ऐसी गलती

आपने अपना सोलर वाटर पंपिग सिस्टम ( Solar Water Pumping System ) बेचा या उसका गलत उपयोग किया गया तो लाभपात्र को अक्षय ऊर्जा विभाग से मिला अनुदान वापस ले लिया जाएगा। विभाग खेतों में लगाए गए सोलर वाटर पंपों के इस्तेमाल पर निगरानी रखे हुए है। चरखी दादरी के अतिरिक्त उपायुक्त अनुराग ढालिया ने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग सोलर वाटर पंपिग सिस्टम स्थापित करने पर 75 प्रतिशत अनुदान दे रहा है। किसानों को ज्यादा वित्तीय खर्च से बचाने व डीजल पंपों से छुटकारा दिलवाने के लिए यह सब्सिडी दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि सोलर वाटर पंपिग सिस्टम पर वर्ष 2020-21 और 21-22 के दौरान किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान दिया गया। विभाग के पास इस प्रकार की शिकायतें आ रही हैं कि कुछ लोगों ने अपने सोलर वाटर पंपिग सिस्टमों को किसी दूसरे आदमी को बेच दिया है। कुछ सिस्टम आवेदन में दिखाए गए निर्धारित स्थान के अलावा अन्य स्थान पर लगा दिए हैं। एडीसी अनुराग ढालिया ने बताया कि जब सोलर वाटर पंपिग सिस्टम लगवाने की स्वीकृति किसानों को दी गई तो उस समय आवेदक ने लिखित में दिया था कि वे अपने सोलर वाटर पंपिग सिस्टम को ना तो बेचेंगें तथा ना ही किसी अन्य स्थान पर लगवाएंगे।
यदि वे ऐसा करते हैं तो सरकार उनसे 75 प्रतिशत अनुदान की राशि वापिस ले सकती है। सरकार ने उच्चस्तर पर इन सिस्टमों की भौतिक जांच किए जाने के आदेश दिए हुए हैं। जांच के दौरान किसी व्यक्ति ने अपने सिस्टम को बेच दिया है या कहीं और लगवा दिया है अथवा सिंचाई के अलावा उस पंप का घरेलू उपयोग किया जा रहा है तो 75 प्रतिशत दी हुई अनुदान राशि को नियम अनुसार वापस लेने की कार्यवाही की जाएगी। इसलिए किसी व्यक्ति ने सोलर वाटर पंपिंग सिस्टम का दुरूपयोग किया हुआ है तो वह इस गलती को पहले ही सुधार ले।
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