बिना दस्तावेज 300 रुपये में बनाए जा रहे आधार कार्ड, सीएम फ्लाइंग ने यहां किया भंडाफोड़

बिना दस्तावेज 300 रुपये में बनाए जा रहे आधार कार्ड, सीएम फ्लाइंग ने यहां किया भंडाफोड़
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आरोपी से एक सीपीयू, एक लैपटाप, दो हार्ड डिक्स, दो थम स्कैनर, एक कलर प्रिंटर, एक ब्लैक एंड व्हाइट प्रिंटर, दो फर्जी आधार कार्ड और 3,63,700 रुपये बरामद हुए हैं।

गुरुग्राम। महज तीन सौ रुपये में गुरुग्राम शहर में बिना दस्तावेज के आधार कार्ड बनाए जाने का मामला सामने आया है। सीएम फ्लाइंग स्क्वॉयड ने शिवाजी नगर थाना इलाके में खांडसा रोड पर राम कम्युनिकेशन में रेड करते हुए आरोपी संचालक को पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी से एक सीपीयू, एक लैपटाप, दो हार्ड डिक्स, दो थम स्कैनर, एक कलर प्रिंटर, एक ब्लैक एंड व्हाइट प्रिंटर, दो फर्जी आधार कार्ड और 3,63,700 रुपये बरामद हुए हैं।

सीएम फ्लाइंग स्क्वॉयड की गुडग़ांव टीम के प्रभारी डीएसपी इंद्रजीत यादव को सूचना मिली थी कि खांडसा रोड पर राम कम्युनिकेशन में अवैध रूप से आधार कार्ड बनाए जाते हैं। जिस पर टीम ने एक फर्जी ग्राहक को वहां भेजा। दुकानदार ने बिना आइडी के दो आधार कार्ड बनाने के लिए प्रति आधार कार्ड 300 रुपये मांगे। संचालक को 600 रुपये देकर दो कार्ड बनवाए गए। जैसे ही दुकानदार ने दो आधार कार्ड दिए सीएम फ्लाइंग स्क्वाड ने रेड करते हुए उसे धर दबोचा। शिवाजी नगर थाना पुलिस ने उसके विरुद्ध मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। आरोपी संचालक की पहचान झारखंड के कोडरमा जिले के गांव अस्नाबाद निवासी बबलू कुमार के रुप में हुई। वह यहां गांधी नगर में रहता है।

डीएसपी का कहना

सीएम फ्लाइंग स्क्वॉयड की गुडग़ांव टीम के प्रभारी डीएसपी इंद्रजीत यादव का कहना है कि टीम ने एक व्यक्ति को भेजकर बबलू कुमार से गांव चकरपुर के रहने वाले उमेश कुमार व डीएलएफ फेज-तीन के रहने वाले राकेश कुमार के नाम पर आधार कार्ड बनवाए थे। जिनको टीम ने बरामद कर लिया। इसके बाद दुकानदार को शिवाजी नगर थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। आरोपी से पूछताछ से साफ होगा कि उसने अब तक कितने रुपये में कितने फर्जी आधार कार्ड बनाए।

रोहगियां भी बनवाते हैं आधार कार्ड

मामले में विश्व हिंदू परिषद परिषद के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि वीएचपी इस मामले में शिकायत करती आ रही है कि शहर में बिना आइडी के आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिसके चलते रोहगियां मुसलमान पकड़े नहीं जाते हैं। वे पैसे देकर आधार कार्ड बनवा लेते हैं और खुद को पश्चिम बंगाल का निवासी बताते हैं। जिला प्रशासन को इसकी जांच भी करनी चाहिए कि किस कागजात के आधार पर झुग्गियों में रहने वाले लोगों के आधार कार्ड बनाए गए।

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