किसान आंदोलन : पंजाब के हर जिले से बारी-बारी से आएंगे आढ़ती एसोसिएशन के मोर्चे, चार दिन तक संभालेंगे मोर्चा, फिर दूसरे की लगेगी ड्यूटी

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करवाने की मांग को लेकर चार महीने से दिल्ली की दहलीज पर आंदोलनरत किसानों ने ऐलान किया है कि वे किसी भी सूरत में आंदोलन को कमजोर नहीं पड़ने देंगे। भारत की 540 जत्थेबंदियां इस मोर्चे से जुड़ी हुई है। किसानों का यह आंदोलन पूरे संसार में सम्मान पा रहे हैं और इसे चौतरफ समर्थन मिल रहा है। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार आंदोलन को जितना लंबा खिंचेगी, उस पर उतना ही दबाव बनेगा। इसलिए हमें इस आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाना होगा।
बता दें कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चार महीने से किसान आंदोलनरत है। किसान नेताओं व सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता के बावजूद भी समाधान नहीं निकल पाया है। 22 जनवरी के बाद से सरकार के साथ बातचीत का दौर बंद है। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार चाहे जितना समय लगा ले, वे पीछे हटने वाले नहीं हैं। ये बड़ी लड़ाई जीतकर ही यहां से मुडेंगे, हो सकता है कि इनका राज भी छीन कर जाएं। किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल, वीरपाल सहित अन्य ने कहा कि इस आंदोलन से पूरे भारत में चिंगारी लग चुकी है। फसल कटाई के दौरान आंदोलन थोड़ा ढ़ीला हो गया है, लेकिन समाप्त नहीं हुआ है। बुजुर्ग यहीं पर है, लेकिन नौजवान खेतों में कटाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने युवा मंडल बनाया हुआ है, उसी ने फसल कटाई का बीड़ा उठाया हुआ है। उन्होंने किसानों से कहा कि गांव के किसान जहां पर भी अपनी फसल बेचने जाएं, सलाह कर एक ही जगह बेचें।
किसानों-आढ़तियों में दरार पैदा कर रही सरकार
पंजाब से फेडरेशन ऑफ आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान अमरजीत सिंह बराड़ ने कहा कि ये आंदोलन आज सारे देश का आंदोलन बन गया है। हम सयुंक्त किसान मोर्चा के निर्देशों पर चलकर इसमें जीत हासिल कर सकते हैं। हम यहां जवानों को मरवाने के लिए नही आएं हैं। मोर्चा हमारी जो ड्यूटी लगाएगा वो पूरी तरह निभाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान आढ़ती का घर परिवार का रिश्ता है, लेकिन सरकार किसानों और आढ़तियों में दरार पैदा करना चाहती है, लेकिन वे सरकार को इसमें कामयाब नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि पूरे पंजाब के हर जिलों से बारी बारी आढ़ती एसोसिएशन के मोर्चे इस आंदोलन में आएंगे और 4 दिनों तक रुकेंगे ,उसके बाद दूसरे मोर्चे आएंगे।
पंजाब की तरह पांच राज्यों में होगा सूपड़ा साफ
सरदार घूमन सिंह ने कहा कि किसान 4 महीनों से आंदोलन पर डटे हैं, जो सरकार के गले की फांस बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे पंजाब में इनका सूपड़ा साफ हुआ है, वैसे ही पांच राज्यों में भी इनका सुफड़ा साफ होगा। उन्होंने बताया कि जब से काले कानून बनाए जा रहे थे, तब इनके मंत्री सामने बैठे रहे, किसी ने भी इन कानूनों पर एतराज नहीं जताया।
विधायक, सांसदों की लगाई जाएगी आरटीआई
जस्टिस एंड फंडामेंटल राइट्स, हिसार के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट तीरथ सिंह ने कहा कि अब हमने एक नई मुहिम शुरू की है। भारत में जितने विधायक व सांसद हैं। उनकी आरटीआई के माध्यम से इनकम निकलवाई जाएगी। हम यह मुहिम सयुंक्त किसान मोर्चा के बैनर तले चलाना चाहते हैं। इसके लिए एक पंपलेंट भी तैयार किया है। जिसमें काले कानूनों को खारिज करने, ईवीएम मशीन हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने, विधायक की बार-बार पेंशन बनाने पर रोक लगाने सहित अन्य मांगे उठाई जाएंगी। ये पंपलेट पूरे देश में गांव-गांव, घर-घर पहुचाए जाएंगे। इस पेपर पर सभी को अपना नाम, मोबाइल नंबर, पता व हस्ताक्षर करने हैं। 2 महीने में ये पेपर पूरे हिंदुस्तान से इकट्ठा करके ट्रकों में भरकर सुप्रीम कोर्ट में खाली करेंगे। उसके बाद चीफ जस्टिस से बात करेंगे और उनको कहेंगे यह 130 करोड़ लोगों की मुहिम है, इस पर कानून बनाया जाए।
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