जिला परिषद चुनाव के साथ हरियाणा की राजनीति में AAP की एंट्री, पंजाब के साथ लगते जिलों में दिखा असर

पहली बार पंचायती चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने भी जिला परिषद में जीत के साथ हरियाणा की राजनीति में दस्तक दे दी है। अकेले अंबाला में ही आप के तीन उम्मीदवारों ने जिला परिषद चुनाव में जीत हासिल की है। वहीं सिरसा में आप के छह उम्मीदवार जीते हैें और पूरे प्रदेश में आम आदमी पार्टी के 14 कैंडिडेट जीते हैं। ये दाेनों जिले पंजाब के साथ लगते हैं। जीत हासिल करने वाले उम्मीदवारों ने इस जीत का पूरा श्रेय आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिया है। मजे की बात है कि आप ने सत्ताधारी भाजपा के उम्मीदवारों को शिकस्त दी है।
पंचायती चुनाव में पहली बार आप की ओर से जिला परिषद में अपने उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया था। अगर अंबाला की बात की जाए तो पार्टी की ओर से यहां सभी 15 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे गए थे। उतारे गए 15 में से दो उम्मीदवारों को तो शुरू से ही जीत का बड़ा दावेदार माना जा रहा था। कुछ समय पहले ही ये उम्मीदवार आप में शामिल हुए थे। बड़ा चेहरा होने के कारण चुनाव में इन उम्मीदवारों ने शुरू से ही विरोधियों पर बढ़त बना ली थी।
चौधरी का रूतबा मतदाताओं में कायम
अंबाला के तीन वार्डों में आप उम्मीदवारों की जीत के साथ यह भी साफ हो गया कि पूर्व मंत्री निर्मल सिंह का रूतबा अभी भी मतदाताओं में कायम है। कांग्रेस से निष्काषित होने के बाद आजाद उम्मीदवार के तौर पर निर्मल सिंह ने पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था। बेहद नजदीक मुकाबले में निर्मल सिंह बेशक हार गए थे लेकिन तब भाजपा को भी यह अहसास हो गया था कि उनका रूतबा अभी इलाके में कायम है। पंजाब में आप के सत्ता में आने के बाद निर्मल सिंह ने अपनी बेटी चित्रा के साथ आप का दामन थाम लिया था। इसके बाद से पिता-पुत्री लगातार पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। पंचायती चुनाव में कई गांवों में आप समर्थकों ने सरपंची-पंची जीतकर यह साफ कर दिया था कि भाजपा के लिए अगला चुनाव आसान नहीं होगा। पूर्व मंत्री के दम पर आप ने अंबाला शहर विधानसभा में आने वाले जिला परिषद की तीनों सीटों पर कब्जा जमा। बेशक आप को दूसरी सीटों पर जीत नहीं मिली लेकिन फिर भी पार्टी के उम्मीदवार कहीं दूसरे व तीसरे स्थान पर आ गए।
चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका
अंबाला में पांच साल पहले भाजपा ने क्रॉस वोटिंग के जरिए जिला परिषद की चेयरमैनी पर कब्जा जमा लिया था। मगर इस बार तो वह मुकाबले में नहीं दिख रही। भाजपा दो पंद्रह में से महज दो सीटों पर जीत हासिल हुई है। इस स्थिति में तो वह चेयरमैन पद के लिए अपना कोई उम्मीदवार भी नहीं उतार पाएगी। कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी की पत्नी सुमन सैनी खुद बुरी तरह चुनाव में हार गईं। उन्हें वार्ड नंबर चार से चौथा स्थान मिला है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के खास नेताओं में शुमार मनदीप बोपाराय की पत्नी भी चुनाव हार गई हैं। उन्हें भी चुनाव से पहले जीत का बड़ा दावेदार माना जा रहा था। हालांकि चुनाव से पहले सांसद नायब सैनी की पत्नी सुमन की हार की चर्चाओं से माहौल गर्म था। सांसद की पत्नी के चुनाव में हार से भी पार्टी के लिए अच्छे संकेत नजर नहीं आ रहे।
सिरसा में आदमी पार्टी ने 6 सीटें जीती
सिरसा : सिरसा में नई नवेली आम आदमी पार्टी ने 6 सीटें जीत कर सबको चौंका दिया है। इनेलो व आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन को करारी शिकस्त दी है। इन चुनावों में जोन नंबर 6 से इनलो उम्मीदवार कर्ण चौटाला ने बिजली मंत्री रणजीत सिंह के समर्थित उम्मीदवार राजकुमार नैन को हराया है। सिरसा जिला पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का गढ़ माना जाता है, लेकिन परिवार में हुए बिखराव के बाद जजपा के नई पार्टी के रूप में आने के बाद इनेलो केवल एक सीट पर सिमट कर रह गई। अभय चौटाला ही ऐलनाबाद से जीतकर एकमात्र विधायक बने। विधानसभा चुनावों के बाद सियासी रूप से अस्तत्वि बचाने के लिए जूझ रही इनेलो को जिला परिषद चुनाव में संजीवनी मिली है। इन चुनावों में इनेलो के फिर रंग में आ गई है। वहीं गुटों में बंटी कांग्रेस केवल दो ही पार्षद जिता पाई है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS