आप की पंजाब में जीत से हरियाणा की राजनीति में सुगबुगाहट, गृह प्रदेश में बड़ा चेहरा तलाश रहे केजरीवाल

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के साथ ही पंजाब के छोटे भाई हरियाणा में भी सियासी हलचल काफी तेज हो गई है, सूबे के कईं दिग्गज नेताओं ने दिल्ली सीएम केजरीवाल व आप पार्टी के दिग्गज नेताओं से संपर्क साधने की शुरुआत कर दी है। दूसरी ओर, पंजाब में जीत से उत्साहित दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा के अपने नेताओं से सूबे में सियासी गतिविधियां तेज करने और लोगों को पार्टी से जुड़ने के लिए कहा है।
इतना ही नहीं केजरीवाल पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी बड़ा चेहरा तलाश रहे हैं, इसलिए आने वाले वक्त में कुछ बड़े चेहरों को आम आदमी पार्टी ज्वाइन कराए जाने की तैयार हो गई है। हरियाणा में कईं ब्यूरोक्रेट्स भी सियासी पारी खेलने के लिए उतारू हैं, जिस तरह से पंजाब व यूपी में कईं आईएएस और आईपीएस अफसरों द्वारा वीआरएस लेकर सियासी मैदान में उतरने का फैसला लिया है, उसी तरह से हरियाणा में भी कुछ नामी-गिरामी अफसर सियासत के मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।
अशोक खेमका का नाम भी आगे
सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल और उनके सलाहकार हरियाणा में बड़े चेहरे की तलाश में हैं। जिस क्रम में राज्य से कईं बड़े सियासी चेहरों को लेकर मंथन किया जा रहा है, इतना ही नहीं कईं अफसरों को लेकर भी चर्चाओं का दौर गर्म हो गया है, जो वीआरएस लेकर पंजाब व यूपी की तर्ज पर हरियाणा की धरती पर सियासी पारी खेलने उतर सकते हैं। हरियाणा काडर वरिष्ठ आईएएस अफसर अशोक खेमका का नाम इस क्रम में सबसे पहले लिया जा रहा हैं, हालांकि खेमका इस विषय़ पर कुछ भी बोलने से फिलहाल इनकार कर रहे हैं।
केजरीवाल के सीनियर थे खेमका
इतना जरूर है कि अशोक खेमका आईआईटी खड़गपुर राजस्थान में केजरीवाल के सीनियर रहे हैं, केजरीवाल जहां मकैनिकल से इंजीनियरिंग के स्टूडेंट रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ खेमका कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट रहे हैं। इसी तरह से पंजाब के बाद हरियाणा में फतेह पाने के लिए हरियाणा के सियासी चेहरों, नर्दिलीय विधायकों के साथ-साथ में हरियाणा की सभी 90 की 90 सीटों के लिए अभी से होमवर्क करने के लिए संगठन के लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हरियाणा में निकाय चुनाव भी लड़ेगी आप
सूबे में पहले से हर जिले और प्रदेश स्तर का संगठन खड़ा कर चुकी आम आदमी पार्टी द्वारा हरियाणा के हर जिले में संगठन तैयार कर लिया गया है। इतना ही नहीं प्रदेश कार्यकारिणी को भी मजबूत करने की तैयारी है। पूर्व में केजीरवाल के करीबी रहे रोहतक के नवीन जयहिंद ने प्रदेश में जमकर काम किया और संगठन भी तैयार किया, अभी भी वे राज्य में पूरी तरह से सक्रिय हैं। कुल मिलाकर फिलहाल हरियाणा में स्थानीय निकायों के चुनाव होने तय हैं। राज्य में लगभग 51 निकायों में चुनाव कराने की तारीख का एलान किसी भी वक्त किया जा सकता है। इसके लिए सत्ताधारी पार्टी भाजपा, कांग्रेस सभी तैयारी में हैं।
इसी तरह से आप ने भी इसमें अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतारने को लेकर मंथन की शुरुआत कर दी है। इसके साथ ही उनकी नजर राज्य में लीगल पचड़ों के कारण फंसे पंचायत चुनावों पर भी विपक्षी पार्टी और आप की नजर हैं। हरियाणा की माटी से संबंध रखने वाले अरविंद केजरीवाल का हरियाणा को लेकर खासी तैयारी में भी हैं। पार्टी सूत्रों ने इस तरह के संकेत पंजाब चुनावों से पहले ही दे दिए थे। वैसे, भी आप द्वारा 2019 लोक सभा चुनावों में जजपा के साथ चुनावी गठबंधन कर लिया था।
इस तरह से 16वीं पंजाब विधानसभा के चुनावों के नतीजों में केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की कुल 117 विधानसभा सीटों में 92 सीटों पर फतेह पाकर सियासी दग्गिजों को धूल चटाने का काम किया है। आप ने पूरे प्रदेश में 42 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किएं है। पार्टी ने अब से पहले मार्च, 2017 पंजाब की 15 वीं विधानसभा के चुनावी नतीजों में 117 सीटों में से 112 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 20 विधायक बनाए थे। इसके अलावा केवल विधानसभा ही नहीं बल्कि 2014 लोकसभा चुनावों में आप पार्टी ने पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से 4 सीटें जीतकर सभी को चौंका दिया था। जिसके बाद से पंजाब में आप का वर्चस्व चला आ रहा है लेकिन पंजाब की माटी पर सियासत करने वाले इसको हलके में ले गए।
आप पहले ही कूद चुकी हरियाणा के मैदान में
आम आदमी पार्टी पहले ही हरियाणा के मैदान में कूद चुकी है, अक्टूबर, 2019 में हरियाणा की 14वीं विधानसभा के आम चुनावों में आप ने प्रदेश की कुल 90 में से 46 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। दूसरी तरफ इस वक्त जननायक जनता पार्टी भाजपा के साथ में मिलकर सरकार चला रहे हैं। मई 2019 में 17 वीं लोकसभा चुनावो के दौरान जजपा औऱ आप में समझौता हुआ था। वर्तमान डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला उस वक्त बेहद उत्साहित थे। सूबे के अंदर 10 सीटों में आप पार्टी ने तीन अम्बाला और करनाल फरीदाबाद इसके विपरीत जजपा ने 7 बची हुई सीटों पर चुनाव लड़ा था। कुल मिलाकर हिसार लोकसभा सीट से दुष्यंत चौटाला ज़मानत बचा गए थे। बाकी सभी पर परिणाम बहुत ही खराब रहा था। पूर्व वर्ष मई, 2014 में 16 वीं लोक सभा चुनावो में आप ने हरियाणा की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी की ज़मानत जब्त हो गई थी।
हरियाणा के दिग्गज रख रहे पंजाब की सियासत पर नजर
हरियाणा के सियासी दिग्गज पंजाब में आम आदमी पार्टी की फतेह के बाद से हर घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। पंजाब में नई सरकार के गठन, मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों के साथ-साथ में वहां आने वाले दिनों में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह व आप नेताओं में कौन से चेहरे को क्या क्या जिम्मेदारी मिलती है, इस पर नजर बनाए हुए हैं। जैसे ही पंजाब में नईं सरकार जिम्मेदारी संभालने बाद में कामकाज की शुरुआत करेगी, वैसे ही हरियाणा के दिग्गज भी सक्रिय हो जाएंगे।
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