हरियाणा के ग्रामीण अंचल की सियासी तासीर जानने को बेताब हैं अभय चौटाला

रणबीर धानियां : कलायत
हरियाणा विधानसभा से त्याग पत्र देने के बाद इनेलो प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने ग्रामीण पृष्ठ भूमि से जुड़े विधानसभा क्षेत्रों की सियासी तासीर जानने की रणनीति तय की है। चौटाला हरियाणा प्रदेश के ग्रामीण अंचल पर आधारित विधानसभा क्षेेत्रों के एक-एक गांवों का दौरा करेंगे। इनेलो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रामफल मोर ने बताया कि हलका स्तरीय जन संपर्क अभियान को गतिमान करने की रूप रेखा की कड़ी में 9 फरवरी को अभय चौटाला कलायत हलके के गांव नंद करण माजरा में ग्रामीणों से रूबरू होंगे।
कलायत विधानसभा क्षेत्र देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के सत्ताकाल में इनेलो का गढ़ रहा है। वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में रामपाल माजरा इनेलो टिकट पर इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। उपरांत हुए 2014 में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी ने आजाद उम्मीदवार के रूप में विजय परचम फहराया। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में पहली मर्तबा भाजपा उम्मीदवार कमलेश ढांडा ने कलायत की धरती पर कमल का फूल खिलाया।
कमलेश ढांडा हरियाणा सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं। यह विधानसभा क्षेत्र ग्रामीण परिवेश पर आधारित है। इस प्रकार के सियासी परिदृश्य को चौटाला बेहद चुनौती पूर्ण ढंग से ले रहे हैं। कृषि कानूनों के विरोध के बीच वे राजनीति में नया मोड़ लाने की कवायद में हैं। इसलिए एक तीर से कई निशाने साधने के लिए उन्हाेंने किसानों के आंदोलन के बीच हरियाणा प्रदेश के ग्रामीण अंचल से जुड़े इलाकों में जन संपर्क अभियान शुरू करने की ताल ठोकी है।
ये है चौटाला के जन संपर्क अभियान की कार्ययोजना
इनेलो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रामफल मोर ने बताया कि सात से अठारह फरवरी तक जारी रहने वाले इन जन संपर्क अभियानों के तहत अभय चौटाला 7 फरवरी को टोहाना व उकलाना, 8 को भिवानी व बाढ़डा, 9 को कलायत व जुलाना, 12 को गन्नौर व इसराना, 13 को इंद्री व शाहबाद, 14 को नारायणगढ़ व रादौर, 15 को कालका, 17 को पुन्हाण व सोहना और 18 को बावल व नांगल चौधरी का दौरा करेंगे। इस दौरान जमीनी स्तर पर वे हर पहलू की समीक्षा करते हुए लोगों से संवाद करेंगे।
कहीं पर नजरें और कहीं पर निशाना
नंदकरण माजरा प्रदेश के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा का पैतृक गांव है। रामपाल माजरा ने हाल ही में भाजपा का दामन छोड़ा है। माजरा स्पष्ट तौर से यह कहते आए हैं कि उन्हाेंने चौटाला की बात को मानते हुए भाजपा से त्याग पत्र दिया है। वे तर्क देते हैं कि अभय चौटाला ने भी उनकी राय पर ही विधानसभा से त्याग पत्र दिया था। इस दृष्टि कोण से चौटाला के दौरे को नंद करण माजरा में कई मायनों से लिया जा रहा है।
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